तीन लाख की आबादी तीन चिकित्सक के भरोसे

संवाद सूत्र अलौली (खगड़िया) कोसी-कमला-करेह और बागमती नदी से घिरे बाढ़ प्रभावित अलौली प्रख

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 09:41 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 09:41 PM (IST)
तीन लाख की आबादी तीन चिकित्सक के भरोसे
तीन लाख की आबादी तीन चिकित्सक के भरोसे

संवाद सूत्र, अलौली (खगड़िया) : कोसी-कमला-करेह और बागमती नदी से घिरे बाढ़ प्रभावित अलौली प्रखंड की चिकित्सा व्यवस्था दयनीय है। अलौली पीएचसी को सीएचसी का दर्जा मिल चुका है, पर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं बढ़ी है।

तीन लाख की आबादी अलौली सीएचसी पर है निर्भर

अलौली सीएचसी अर्थात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से 20 पंचायत और एक नगर पंचायत की तीन लाख की आबादी जुड़ी हुई है। इनमें तीन पंचायतें नदी पार की है।

18 किलोमीटर की दूरी तय कर भी आते हैं मरीज

यहां सीमावर्ती शहरबन्नी से 18 किलोमीटर की दूरी तय कर मरीज पहुंचते हैं। नदी पार चेराखेरा के मरीज को 13 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है।

चिकित्सक का है अभाव, आबादी के अनुसार नहीं बढ़ी संख्या

अलौली सीएचसी में कुल 13 चिकित्सकों की आवश्यकता है। मात्र चार चिकित्सक ही कार्यरत हैं। जिनमें एक अन्य जगह प्रतिनियुक्ति पर हैं। गंभीर रोगियों को रेफर किया जाता है।

नर्स और अन्य कर्मचारी अलौली सीएचसी में 10 एनएनएम के विरुद्ध मात्र पांच कार्यरत हैं। जिनमें एक ए-ग्रेड नर्स है। चार ड्रेसर की आवश्यकता है। मात्र दो ड्रेसर से कार्य चलाया जा रहा है। लैब तकनीशियन दो है। चतुर्थ वर्गीय कर्मी एक भी नहीं है। दो से ढाई सौ तक आते हैं मरीज अलौली सीएचसी में प्रतिदिन औसतन दो से 250 तक मरीज इलाज को पहुंचते हैं। शुक्रवार को आउटडोर में 253 मरीजों का इलाज किया गया।

साफ-सफाई का है अभाव

साफ-सफाई का अभाव है। बेड पर चादर नहीं रहता है।

दवा की नहीं है कमी

इमरजेंसी समेत अन्य दवाएं हैं। सर्पदंश की भी दवा है। रेविज की भी दवा है। डायरिया की सभी दवा मौजूद है। पर एक्सरे खराब पड़ा है।

अस्पताल में चिकित्सकों के लिए है क्वार्टर

अस्पताल परिसर में चिकित्सकों के लिए क्वार्टर बने हैं। जिस कारण चिकित्सकों की उपलब्धता सहज-सुगम हैं।

क्या कहते हैं मरीज

भोला परास के ललकू पासवान ने कहा कि दवा उपलब्ध है और समय पर डाक्टर साहब ने देख भी लिया। बुधौरा की अंशिता देवी ने कहा कि डाक्टर साहब देखे हैं। दवा भी मिल गई।

स्वास्थ्य सेवा को लेकर उठती रही हैं आवाज

फरकिया मिशन की ओर से सीएचसी की व्यवस्था में सुधार को लेकर लगातार आवाज उठाई जाती रही है। मिशन के संस्थापक किरणदेव यादव कहते हैं- यह फरकिया की मुख्य अस्पताल है और उस अनुसार सुविधा का अभाव है।

कोट सीएचसी में चिकित्सक की कमी है, ड्रेसर भी पर्याप्त नहीं हैं। विभागीय अधिकारियों को लिखा गया है। साफ-सफाई एनजीओ के जिम्मे हैं। डा. मनीष कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, अलौली।

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