गुरुजी दे रहे मछली पालन का ज्ञान
खगड़िया। मध्य विद्यालय भरतखंड के संकुल समन्वयक सह शिक्षक तिरंजय कुमार अभिभावकों को मत्स्य पाल
खगड़िया। मध्य विद्यालय भरतखंड के संकुल समन्वयक सह शिक्षक तिरंजय कुमार अभिभावकों को मत्स्य पालन के गुर भी सिखा रहे हैं। वह कहते हैं कि यहां की अधिकांश आबादी कृषि और पशुपालन पर निर्भर है। किसानों की आमदनी कम है। वे आज भी परंपरागत रूप से खेती-किसानी करते हैं। इसलिए उन्हे मत्स्य पालन को लेकर प्रेरित करता हूं ताकि उनकी आमदनी बढ़े और वह बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सकें।
तिरंजय कुमार किसानों को बायोफ्लॉक विधि से मछली पालन को लेकर प्रेरित कर रहे हैं। इस विधि से मछली पालन में कम खर्च पड़ता है। पानी की खपत भी कम होती है और मछली उत्पादन अधिक होता है।
शिक्षक तिरंजय कुमार ने बताया कि बायोफ्लॉक विधि से मछली पालन शुरू करने की प्रेरणा उन्हें यूट्यूब से मिला। इसके बाद इस विधि से मछली पालन का प्रशिक्षण लखीसराय में प्राप्त किया। इस तकनीक से 10 हजार लीटर क्षमता के टैंक में मछली पालन करने पर 25 हजार रुपये का मुनाफा होता है। तिरंजय कुमार ने बताया कि कोरोना संकट में बड़ी संख्या में लोग दूसरे प्रदेशों से गांवों को लौटे हैं। ऐसे में मत्स्य पालन की यह विधि रोजी-रोजगार में सहायक होगा। बायोफ्लॉक तकनीक से मछली में पंगेसियस, तिलापिया, देसी मांगुर, सिघी, कॉमन कार्प आदि मछलियों का पालन किया जा सकता है।