आग लगने पर आज भी लोटा-बाल्टी का सहारा
पेज दो का लीड --------------------- फोटो 9= - गोगरी अग्निशमन विभाग में समस्याएं ही समस्याएं = पांच अग्निशमन वाहन में तीन की क्षमता मात्र चार-चार सौ लीटर की ------------------- संवाद सूत्र
गोगरी (खगड़िया) । गोगरी अनुमंडल क्षेत्र में प्रत्येक साल अगलगी की कई घटनाएं घटती हैं। अभी भी गांव-देहात में बड़ी संख्या में टाट-फूस के ही घर हैं। ऐसे में किसी एक घर से उठी चिगारी देखते ही देखते कई घरों को जलाकर राख कर डालती है। आज भी आग लगने पर उसे बुझाने का सहारा लोटा-बाल्टी ही है।
मात्र पांच अग्निशमन वाहन के सहारे गोगरी अनुमंडल क्षेत्र
गोगरी अनुमंडल क्षेत्र में मात्र पांच अग्निशमन वाहन हैं। जिसमें दो बड़ी गाड़ियां हैं। जिसकी क्षमता चार से पांच हजार लीटर की है। तीन छोटे अग्निशमन वाहन हैं, जिसकी क्षमता मात्र चार सौ लीटर की है। ये तीन अग्निशमन वाहन बेलदौर, महेशखूंट और पसराहा में हैं। परबत्ता में एक भी अग्निशमन वाहन नहीं है। जबकि बड़ी आबादी निवास करती है। बड़ी घटना घटने पर जब गोगरी से बेलदौर अग्निशमन वाहन रवाना होता है, तो पहुंचते-पहुंचते सबकुछ राख हो चुका होता है।
नौ कर्मियों के सहारे अग्निशमन विभाग
गोगरी अग्निशमन विभाग के पास मात्र नौ कर्मी है। इसमें तीन बेलदौर, महेशखूंट और पसराहा में कार्यरत हैं। जरूरत पड़ने पर पीएचईडी के जलमीनार से पानी भरा जाता है। अग्निशमन कार्यालय पुराने भवन में संचालित है। यहां पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है। सड़क किनारे कर्मी सप्लाई वाटर से स्नान करते हैं। अग्निशमन वाहन के रखरखाव को लेकर टीन शेड नहीं है। अग्निशमन कार्यालय का फोन भी खराब पड़ा है।
अग्निशमन विभाग गोगरी के प्रभारी सुनील कुमार सिंह ने कहा कि उपलब्ध संसाधन में बेहतर करने का प्रयास रहता है। सड़कें अतिक्रमित रहने से कई बार पहुंचने में देरी होती है।