गंगा के जलस्तर में वृद्धि से सुल्तानगंज-अगुवानी घाट महासेतु निर्माण की रफ्तार हुई धीमी

गंगा के बढ़ते जलस्तर के बीच अगुवानी-सुल्तानगंज महासेतु निर्माण कार्य की गति धीमी पड़ गई है। अभी गंगा जिले में खतरे के निशान से 2.10 मीटर नीचे है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 12 Jul 2021 11:03 PM (IST) Updated:Mon, 12 Jul 2021 11:10 PM (IST)
गंगा के जलस्तर में वृद्धि से सुल्तानगंज-अगुवानी घाट महासेतु निर्माण की रफ्तार हुई धीमी
गंगा के जलस्तर में वृद्धि से सुल्तानगंज-अगुवानी घाट महासेतु निर्माण की रफ्तार हुई धीमी

खगड़िया। गंगा के बढ़ते जलस्तर के बीच अगुवानी-सुल्तानगंज महासेतु निर्माण कार्य की गति धीमी पड़ गई है। अभी गंगा जिले में खतरे के निशान से 2.10 मीटर नीचे है। नदी की टेंडेंसी राइजिग है। गंगा के खतरे के निशान तक पहुंचते-पहुंचते महासेतु निर्माण कार्य की रफ्तार और धीमी पड़ जाएगी। तीन माह तक निर्माण कार्य प्रभावित होने की आशंका है। निर्माण कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि जलस्तर घटने के बाद ही निर्माण कार्य में गति आएगी। महासेतु निर्माण कंपनी एसपी सिगला के प्रोजेक्ट डायरेक्टर आलोक कुमार झा ने बताया कि गंगा की मुख्य धारा में काम बंद हो गया है। छह से 15 नंबर पिलर में काम हुआ बंद

गंगा के जलस्तर में वृद्धि के कारण छह से 15 नंबर पिलर में काम बंद हो गया है। 16 से 30 नंबर पिलर का काम पूरा हो चुका है। एक से पांच नंबर पिलर में सेगमेंट का कार्य चल रहा है। पहले कोरोना के कारण लगे लाकडाउन और अब गंगा के जलस्तर में वृद्धि से उत्पन्न बाधा के कारण अगले साल जून में महासेतु होकर आवागमन संभव हो सकेगा। महासेतु निर्माण की लागत खर्च 523 करोड़ निर्धारित है। जबकि पहुंच पथ को लगाकर कुल लागत खर्च 859 करोड़ है। एसपी सिगला के डायरेक्टर आलोक कुमार झा के अनुसार इस लागत खर्च में ही निर्माण कार्य होना है। अगुवानी- सुल्तानगंज महासेतु के तैयार हो जाने बाद फरकिया का सीधा सड़क संपर्क भागलपुर से हो जाएगा। विक्रमशीला सेतु पर निर्भरता कमेगी। सावन-भादो में कांवरियों को नाव से गंगा पार नहीं करना पड़ेगा। खगड़िया के दूध और केला व्यवसायियों का मुनाफा बढ़ जाएगा। अगुवानी सुल्तान महासेतु की लंबाई 3.160 किलोमीटर है।

क्या कहते हैं प्रोजेक्ट डायरेक्टर आलोक कुमार झा

एसपी सिगला कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रोजेक्ट डाइरेक्टर आलोक कुमार झा ने बताया कि गंगा के जलस्तर में वृद्धि से निर्माण कार्य पर असर पड़ा है। तीन माह तक कार्य बाधित रहेगा, रुकेगा नहीं। जून 2022 में आवागमन चालू होने की संभावना है।

chat bot
आपका साथी