रेमडेसिविर को लेकर व्यर्थ का हंगामा मचा हुआ है: डॉ. प्रेम शंकर
खगड़िया। रेमडेसिविर को लेकर हर जगह हंगामा मचा हुआ है। कोरोना काल में इसकी कालाबाजा
खगड़िया। रेमडेसिविर को लेकर हर जगह हंगामा मचा हुआ है। कोरोना काल में इसकी कालाबाजारी भी हो रही है। लेकिन, कोरोना के केस में इसकी बहुत उपयोगिता नहीं है। यह एंटी वायरल है। कहा जा रहा है कि कोरोना में इसका ज्यादा से ज्यादा उपयोग 'रेफिकलेशन' को रोकना है। हालांकि अभी तक इसका वैज्ञानिक सबूत नहीं आया है।
मालूम हो कि रेमडेसिविर का साइड इफेक्ट है। इसका उपयोग किसी भी सूरत में चिकित्सक की देखरेख में ही करना चाहिए, नहीं तो जान भी जा सकती है। कोविड की अचूक दवा अभी भी स्ट्रीआइड और ऑक्सीजन ही है। यह भी चिकित्सक की सलाह और देखरेख में ही शुरू करना चाहिए। उक्त बातें खगड़िया के प्रसिद्ध चिकित्सक और आइएमए के अध्यक्ष डॉ. प्रेम शंकर ने कही। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर खतरनाक है, लेकिन कोरोना गाइडलाइन, लॉकडाउन का पालन कर इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है। धैर्य, संयम और सावधानी इसे हराने का मूल मंत्र है। हमें खानपान पर भी ध्यान देने की जरूरत है। होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज और उनके स्वजन को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज अपने कपड़े और खाने के बर्तन भी अलग रखें। अगर घर में एक से ज्यादा मरीज हैं, तो वे लोग एक साथ रहकर एक-दूसरे की मदद कर सकते हैं। ऑक्सीजन लेवल चेक करते रहें। 94 प्रतिशत से ऊपर ऑक्सीजन लेवल रहने पर घबराने की बात नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस विकट समय में आइएमए से जुड़े चिकित्सकों से परामर्श ले सकते हैं।