कोरोना पर भुखमरी भारी, परदेस पलायन कर रहे युवा

खगड़िया। दो महीना से अधिक लगाए गए लॉकडाउन से कोसी क्षेत्र के कामगार बेहाल हो गए हैं। कोरोना वायरस पर भुखमरी भारी पड़ने लगा है। यहां के कामगार इस महामारी के समय भी दूसरे प्रदेश रोजी-रोटी को लेकर जाना शुरू कर दिया है। उनका साफ कहना है गांव में रोजी-रोजगार के पर्याप्त साधन नहीं हैं। ऐसे में परदेस जाने की विवशता हैं। अनलॉक-वन में उन्होंने फिर से दिल्ली-पंजाब का रास्ता अख्तियार कर लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Jun 2020 07:28 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 12:18 AM (IST)
कोरोना पर भुखमरी भारी, परदेस पलायन कर रहे युवा
कोरोना पर भुखमरी भारी, परदेस पलायन कर रहे युवा

खगड़िया। दो महीना से अधिक लगाए गए लॉकडाउन से कोसी क्षेत्र के कामगार बेहाल हो गए हैं। कोरोना वायरस पर भुखमरी भारी पड़ने लगा है। यहां के कामगार इस महामारी के समय भी दूसरे प्रदेश रोजी-रोटी को लेकर जाना शुरू कर दिया है। उनका साफ कहना है, गांव में रोजी-रोजगार के पर्याप्त साधन नहीं हैं। ऐसे में परदेस जाने की विवशता हैं। अनलॉक-वन में उन्होंने फिर से दिल्ली-पंजाब का रास्ता अख्तियार कर लिया है।

बीते गुरुवार को सहरसा के एक गांव के 14 युवा वैशाली एक्सप्रेस से दिल्ली को रवाना हो गए। उन्होंने खगड़िया में ट्रेन पकड़ी। सहरसा के सिरसिया गांव के संतोष कुमार, परमेश्वरी चौधरी, नंदशेखर सदा आदि ट्रेन पर सवार होकर दिल्ली रवाना हुए। इन युवाओं से जब बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि साहब, कोरोना पर भुखमरी भारी पड़ने लगा है। कई शादी-शुदा युवाओं ने कहा कि उन्हें घर में ताना सुनना पड़ता है। मां-पिता कहते हैं कि, बेटा, कोरोना से परहेज करने से पेट भर जाएगा क्या? यहां काम नहीं मिलता, तुम बाहर जाओ। एक युवक ने बताया कि पिताजी उसे एक हजार रुपये कर्ज पर लाकर दिए, तब वह दिल्ली कमाने को जा रहा है। अब जो होगा वह भगवान के हाथों में है। बेगूसराय के चौकी का मुकेश चौधरी भी दिल्ली जाने को लेकर ट्रेन पकड़ने आए थे। इनमें कुछ युवा ने पहली बार परदेस कमाने को जाने की बात कही। मधेपुरा के खारा गांव का असंतोष कुमार समेत अन्य युवाओं का भी यही कहना हुआ कि कितना दिन बिना काम व बिना पैसे के गांव में रहेंगे। असंतोष का कहना हुआ कि वह महाराष्ट्र जा रहा है। जिदगी बची तो कमाकर पैसे घर भेजेंगे। कहा, साहब, अब कोरोना से डर नहीं लगता है। किसी तरह कमाकर घर की माली हालात को संभालें, बस यही चिता है। इधर, युवा शक्ति के जिलाध्यक्ष चंदन सिंह ने सरकार पर आरोप लगाया कि सारी घोषणाएं विफल हो गई। मजदूर बेहाल हैं। यहां काम नहीं मिलने के कारण वे कोरोना महामारी के बीच भी परदेस जाने को विवश हैं। कोट

बीते गुरुवार को वैशाली एक्सप्रेस से खगड़िया स्टेशन से 126 लोग दूसरे प्रदेश गए हैं। जिला प्रशासन ने कैंप हटा लिया गया है। अब रेलवे के डॉक्टर ट्रेन पर सवार होने से पहले लोगों की थर्मल स्क्रेनिग करते हैं। यात्रियों को कहा जाता है कि वे मास्क लगाएं।

शैलेश कुमार, वाणिज्य निरीक्षक, खगड़िया रेल

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