लुधियाना से मुश्किलें झेल बेटी को देखने खगड़िया पहुंचे पिता, बेटी ने नहीं खोला दरवाजा तो रो पड़े

पिता लुधियाना से लौटकर अपनी बेटी के पास आए तो बेटी ने पिता के लिए घर के गेट का दरवाजा नहीं खोला। पिता थककर सड़क किनारे खड़े हो गए। पुलिसवाले को देखते ही रो पड़े।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Tue, 07 Apr 2020 09:53 PM (IST) Updated:Wed, 08 Apr 2020 02:01 PM (IST)
लुधियाना से मुश्किलें झेल बेटी को देखने खगड़िया पहुंचे पिता, बेटी ने नहीं खोला दरवाजा तो रो पड़े
लुधियाना से मुश्किलें झेल बेटी को देखने खगड़िया पहुंचे पिता, बेटी ने नहीं खोला दरवाजा तो रो पड़े

मुकेश, खगड़िया। कोरोना को लेकर चलाए जा रहे जागरूकता अभियान को लेकर लोगों में समझदारी बढऩे लगी है। दूसरी ओर, इसे लेकर संवेदनाएं भी तार-तार हो रही हैं, जबकि सरकार लगातार लोगों से अपील कर रही है कि पीडि़तों या संदिग्धों के साथ उचित व्यवहार करें। ऐसा ही एक वाकया खगडिय़ा में देखने को मिला। यहां बेटी ने लुधियाना से आए पिता के लिए दरवाजा तक नहीं खोला।

बात तीन-चार दिन पुरानी है। पिता लुधियाना में काम करते हैं। लॉकडाउन के बाद वहां काम ठप हो गया। इसके बाद वह लुधियाना से किसी माध्यम से खगडिय़ा पहुंचे। यहां वह अपनी बेटी के घर चले गए। उनकी आवाज सुनते ही बेटी-दामाद ने वृद्ध को घर में घुसने से मना कर दिया। घर का गेट भी नहीं खोला।

विवश पिता स्टेशन चौक के समीप आकर रोने लगे। नगर थाना पुलिस की गश्ती उस ओर से जा रही थी। पुलिस ने वृद्ध से बात की। वृद्ध ने बताया कि वह काफी मुश्किलें झेलकर लुधियाना से यहां पहुंचे थे। सोचा था कि बेटी-दामाद के पास लॉकडाउन का समय काट लेंगे। बेटी-दामाद ने हाल पूछने के बजाय उन्हें घर में प्रवेश करने की भी अनुमति भी नहीं दी।

दारोगा पवन कुमार ने बताया कि वृद्ध काफी बेसहारा महसूस कर रहे थे। इसके बाद पुलिस ने वृद्ध को रिक्शा से अस्पताल भिजवाया। वृद्ध की मजबूरी सुनकर रिक्शा वाले ने भी उनसे पैसे नहीं लिए।

एसपी ने कहा-

इस विषम परिस्थिति में अभी हर जगह पुलिस मिल जाएगी। सभी थानों व ओपी अध्यक्षों को कहा गया है कि लाचार  लोगों को हर संभव सहयोग किया जाए। पुलिसकर्मी ऐसा कर भी रहे हैं।

- मीनू कुमारी, एसपी, खगडिय़ा

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