सूरत से लौटे दंपती कोरोना पॉजिटिव

खगड़िया । सरकारी स्तर पर कोरोना संक्रमण को लेकर जिले में अलर्ट जारी है। बचाव को लेकर

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Mar 2021 11:18 PM (IST) Updated:Tue, 23 Mar 2021 11:18 PM (IST)
सूरत से लौटे दंपती कोरोना पॉजिटिव
सूरत से लौटे दंपती कोरोना पॉजिटिव

खगड़िया । सरकारी स्तर पर कोरोना संक्रमण को लेकर जिले में अलर्ट जारी है। बचाव को लेकर पहल आरंभ कर दिया गया है। कोरोना संक्रमण फैलने की रफ्तार भी बढ़ने लगी है। बीते 24 घंटे के दौरान दो और नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। मालूम हो कि मार्च माह में 19 तारीख तक जिले में एक भी पॉजिटिव नहीं था। लंबे समय के बाद 20 मार्च को पहला पॉजिटिव परबत्ता में मिला। अब शहर के मुर्गियाचक में पति-पत्नी सहित दो कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। पति-पत्नी सात दिन पूर्व सूरत से घर वापस लौटे थे। उनके सैंपल आरएमआइ जांच में भेजी गई थी। रिपोर्ट पॉजिटिव आया है। दोनों होम आइसोलेशन में है। पॉजिटिव के घर के आसपास के घरों के कुल 25 लोगों का सैंपल जांच के लिए लिया गया है। कोरोना जांच का आंकड़ा

सोमवार को 729 लोगों की जांच के लिए सैंपल लिए गए। अब तक कुल चार लाख आठ हजार 174 लोगों की जांच की जा चुकी है। जिसमें कुल पॉजिटिव की संख्या दो हजार 747 है। ''कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर प्रयास किए जा रहे है। पॉजिटिव के घर के आसपास के लोगों की जांच के लिए सैंपल लिए गए हैं। स्टेशनों पर भी जांच की व्यवस्था की गई है।

डॉ. अजय कुमार, सिविल सर्जन, खगड़िया

हनुमाननगर में बही श्रद्धा की सरिता

बेलदौर (खगड़िया): पंच पापों को त्यागने के बाद ही सच्चा सुख प्राप्त हो सकता है। बड़े पुण्य से मानव शरीर प्राप्त होता है। इसलिए सत्संग में जरूर भाग लें। सत्संग से भक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। उक्त बातें संतमत के प्रधान स्वामी चतुरानंद जी महाराज ने हनुमाननगर गांव में दो दिवसीय संतमत सत्संग के दौरान कही। उन्होंने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि कुदरत द्वारा शरीर रूपी मंदिर बनाया गया है। इन्हें पंच पापों, झूठ, चोरी, नशा, हिसा आदि से बचाना चाहिए। तभी सच्चा सुख प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कर्म के फल पर स्वर्ग मिलता है। जीवन मरण के चक्र से सदा के लिए छुटकारा पाने के लिए सत्संग ही एकमात्र उपाय है। इससे पहले आचार्य का श्रद्धालुओं ने बेलदौर बाजार में भव्य स्वागत किया। श्रद्धालुओं ने आरती उतारी। बुधवार को दो दिवसीय सत्संग समाप्त होगा। इस मौके पर दूर-दूर से श्रद्धालु पधारे थे। श्रद्धालुओं की सेवा में स्वयंसेवक नियुक्त थे। ग्रामीण भी श्रद्धालुओं की सेवा में तत्पर दिखे।

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