लोगों की सेवा करते डॉ. ट्विंकल खुद हो गई थी कोरोना पॉजिटिव

खगड़िया । कोरोना संकट के इस समय में चिकित्सा सेवा से जुड़े लोग अग्रिम मोर्चे पर लड़ रहे है

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 11:47 PM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 11:47 PM (IST)
लोगों की सेवा करते डॉ. ट्विंकल खुद हो गई थी कोरोना पॉजिटिव
लोगों की सेवा करते डॉ. ट्विंकल खुद हो गई थी कोरोना पॉजिटिव

खगड़िया । कोरोना संकट के इस समय में चिकित्सा सेवा से जुड़े लोग अग्रिम मोर्चे पर लड़ रहे हैं। इस मोर्चे पर लड़ने वाले एक असाधारण महिला योद्धा हैं स्वस्तिम हॉस्पीटल की डॉ. टिवंकल, जिन्होंने महिला होते हुए भी लोगों की सेवा से मुंह नहीं मोड़ा और कोरोना संक्रमण के दौरान भी लोगों को स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के साथ जरुरतमंदों को मास्क के साथ राशन आदि भी वितरण करती रही। इस कार्य में इनके पति डॉ. संजय भी हमेशा साथ रहे। सेवा के दौरान डॉ. टिवंकल अपने पति व बच्चों सहित कोरोना पॉजिटिव हो गई और अपनी इच्छा शक्ति के बूते कोरोना को मात देते हुए अपने परिवार की देखभाल की। कोरोना के आरंभ काल में जब लॉकडाउन लगा और जिले के सभी निजी अस्पताल बंद हो गए और लोगों को इलाज के लिए आने जाने में परेशानी होने लगी। लोगों में हाहाकार सा मचा था तब डॉ. टिवंकल आगे बढ़ कर लोगों को कोरोना को लेकर जागरुक करने के साथ लोगों को स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने में जुट गई साथ ही लोगों के बीच मास्क व सैनिटाइजर वितरण के साथ जरुरतमंदो को राशन भी मुहैया कराया।

गत वर्ष जुलाई के अंत में वह कोरोना पॉजिटिव हो गई। उनके साथ उनके पति व बच्चे भी इसकी चपेट में आ गए। अपनी इच्छा शक्ति के बल पर 15 दिनों में कोरोना को मात दिया और परिवार के लोगों की सेवा में लगी रही। सभी के स्वस्थ होने के बाद वो फिर से लोगों को स्वास्थ्य सेवा देने के कार्य में जुट गई। डॉ. टिवंकल के अनुसार कोरोना के आरंभ काल में संक्रमण की भीषण स्थिति को लेकर लॉकउाउन लगा। इस दौरान चारों तरफ मची अफरा तफरी बाहर निकलने की असुविधा के कारण लोगों व मरीजों को परेशानी हो रही थी। ऐसे समय में कोरोना के भय से चुप चाप बैठ जाना सही नहीं लगा और लोगों को निरंतर स्वास्थ्य सेवा मिलता रहे इसके प्रयास में लगी रही। किसी भी चिकित्सक का पहला कार्य मरीज व जरुरत मंद की सेवा करना है। जिसमें पूरे परिवार ने उनका साथ दिया।

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