जीविका से जुड़कर अब बैकिग क्षेत्र में भी महिलाएं लहरा रही परचम

खगड़िया। जिले की महिलाएं बैंकिग कार्य संचालन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही हैं। जीविक

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 12:23 AM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 12:23 AM (IST)
जीविका से जुड़कर अब बैकिग क्षेत्र में भी महिलाएं लहरा रही परचम
जीविका से जुड़कर अब बैकिग क्षेत्र में भी महिलाएं लहरा रही परचम

खगड़िया। जिले की महिलाएं बैंकिग कार्य संचालन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही हैं। जीविका से जुड़ी महिलाएं आधा दर्जन से अधिक विभिन्न बैंकों की सीएसपी का संचालन कर रही हैं। अब वे 58 में से 48 पर बीसी (बैंक क्रेडिट प्वाइंट) प्वाइंट का संचालन करने लगी है। फिनो पेमेंट बैंक के माध्यम से जीविका की ओर से बीसी प्वाइंट स्थापित किए जा रहे हैं। जीविका द्वारा यह कार्य जरूरतमंद महिलाओं को रोजगार दिलाए जाने के साथ समूह की महिलाओं के लिए पैसे के लेन- देन को आसान बनाने को ले किया जा रहा है। बीसी प्वाइंट संचालित करने वाली महिलाएं बैंक सखी कहलाती है। जीविका स्तर से प्रत्येक पंचायत में बीसी प्वाइंट स्थापित किया जाना है। केंद्र संचालन को लेकर फिनो बैंक की ओर से महिलाओं को प्रशिक्षित भी किया गया है। ताकि वह आसानी से बैंकिग कार्य का निष्पादन कर सकें। पैसे की जमा निकासी पर कमिशन के तौर पर होती है आय महिलाओं को बीसी प्वाइंट खोलने को लेकर जीविका और फिनो बैंक की ओर से आवश्यक संसाधन व मशीन मुहैया कराए जाते हैं। इसके तहत मशीन के साथ 10 हजार की राशि संसाधन के लिए और आरंभ के छह माह के लिए कुल 15 हजार भत्ता के तौर पर दिए जाते हैं। बीसी प्वाइंट पर होने वाले ट्रांजेक्शन मतलब जमा व निकासी की कुल राशि के आधार पर उन्हें कमिशन दिया जाता है। 15 से 20 हजार प्रति माह तक आय अर्जित कर रही हैं महिलाएं बीसी प्वाइंट का संचालन कर महिलाएं 15 से 20 हजार प्रति माह तक आय अर्जित कर रही हैं। चौथम की स्मिता कुमारी ने कहा कि उनका ट्रांजेक्शन काफी अच्छा है। स्मिता के अनुसार वह पाउस मशीन के माध्यम से घर- घर जाकर भी जमा व निकासी करती हैं। इसमें आधार या अंगूठे के निशान से पैसे की जमा- निकासी या ट्रांसफर हो जाता है। इससे उन्हें 20 हजार तक प्रति माह आय हो जाती है। सदर प्रखंड की सीमा कुमारी कहती हैं- आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। जीविका से जुड़ीं और फिनो बैंक की ओर से आर्थिक मदद के साथ यह केंद्र खुलवाया गया। आज प्रति माह 15 हजार के करीब कमाई हो जाती है। कोट जिले में 48 जगहों पर बीसी प्वाइंट कार्यरत है। 10 की प्रक्रिया चल रही है। इससे समूह से जुड़ी उद्यमी महिलाओं को पैसे के लेन- देन में सुविधा हो रही है। जीविका की ओर से प्रत्येक पंचायत में जनवरी तक एक-एक प्वाइंट खोले जाने का लक्ष्य है।

-अजित कुमार, डीपीएम, जीविका, खगड़िया।

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