कोरोना काल में खाद्यान्न योजना से गरीबों को मिली राहत

खगड़िया। कोरोना संक्रमण काल के दौरान लाकडाउन में लोगों की तंग हालत को देखते हुए राश

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 12:37 AM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 12:37 AM (IST)
कोरोना काल में खाद्यान्न योजना से गरीबों को मिली राहत
कोरोना काल में खाद्यान्न योजना से गरीबों को मिली राहत

खगड़िया। कोरोना संक्रमण काल के दौरान लाकडाउन में लोगों की तंग हालत को देखते हुए राशन कार्ड धारियों को मुफ्त में सरकारी स्तर पर खाद्यान्न देने का काम शुरू किया गया। जो आज भी जारी है। जिसमें पूर्व से निर्धारित खाद्यान्न के अतिरिक्त प्रति व्यक्ति पांच किलो मुफ्त में अनाज देने का प्रावधान है। जो इस वर्ष मई माह से नवंबर माह तक दिया जाना है। इन चार महीने मई-जून, जुलाई-अगस्त के दौरान जिले के तीन लाख 39 हजार छह सौ 28 कार्डधारियों को एक करोड़ 78 लाख पांच हजार 32 किलोग्राम चावल और एक करोड़ 19 लाख 16 हजार 62 किलोग्राम गेहूं का वितरण अबतक किया जा चुका है। मई माह में तीन लाख 28 हजार 768 जिले में अंत्योदय और पीएचएच कार्डधारी थे। जो जून माह में बढ़कर तीन लाख 29 हजार 978 हो गया। इस तरह जून माह में 1210 कार्ड धारियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई। इस प्रकार जुलाई माह में छह हजार 721 कार्ड धारियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई और यह आंकड़ा तीन लाख 36 हजार 699 तक जा पहुंचा। अगस्त माह में यह आंकड़ा तीन लाख 39 हजार 628 तक जा पहुंचा। इस महीने दो हजार नौ सौ 29 कार्डधारियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। वर्तमान में किस प्रखंड में कितने हैं कार्डधारियों की संख्या प्रखंड कुल अंत्योदय पीएचएच अलौली 58465 7038 47204

बेलदौर 40646 4693 32933

चौथम 33196 3835 26534

गोगरी 63812 7936 51217

खगड़िया 75132 9166 59691

मानसी 19151 2513 15747

परबत्ता 49226 6402 38715 जरा, इनकी सुनिए गरीबों के लिए वरदान

गुलाब नगर की विभा देवी बताती है कि लाकडाउन में हम जैसे लोगों की कमर टूट गई। ऐसे में मई से अगस्त तक प्रधानमंत्री की योजना के तहत मुफ्त राशन मिला है। अब इसे नवंबर तक यानी दिवाली तक बढ़ाया गया है। यह बहुत अच्छा कदम है। गरीबों के लिए तो बहुत बड़ी राहत है। लाकडाउन में लोगों का रोजी-रोजगार बंद हो गया। भूखों मरने की नौबत आ गई। ऐसे में सरकार ने मुफ्त राशन का जो इंतजाम किया है, वह गरीबों के लिए संजीवनी से कम नहीं है। उसना के बदले मिल रहा अरवा चावल स्थानीय फूल कुमार बताते हैं कि बीते वर्ष कोरोना के वक्त भी छह माह तक ज्यादा राशन मिला था और साल 2021 में उन्हें मई माह से ज्यादा राशन मिला है। हालांकि उनकी शिकायत मिलने वाले अनाज के वजन और गुणवत्ता को लेकर है। वे कहते हैं कि कई बार चावल ऐसा मिलता है कि सिर्फ छूने भर से ही भरभरा कर टूट जाता है। अनाज की मापी तो कभी ठीक से होती ही नहीं है। अगर 25 किलो चावल मिलना है तो वह निश्चित तौर पर 23 किलो ही मिलेगा। लगातार मई से अगस्त माह तक उसना के बदले अरवा चावल ही दिया गया है।

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