'मुखियाजी' की कश्ती कहीं बाढ़ में 'डूब' न जाए

खगड़िया। जनता से बात-बोली सुनने के भय से कई निवर्तमान मुखिया जी सहमे हुए हैं। बाढ़ आने से क

By JagranEdited By: Publish:Fri, 10 Sep 2021 12:37 AM (IST) Updated:Fri, 10 Sep 2021 12:37 AM (IST)
'मुखियाजी' की  कश्ती कहीं बाढ़ में 'डूब' न जाए
'मुखियाजी' की कश्ती कहीं बाढ़ में 'डूब' न जाए

खगड़िया। जनता से बात-बोली सुनने के भय से कई निवर्तमान मुखिया जी सहमे हुए हैं। बाढ़ आने से कई निवर्तमान मुखिया जी को लगा था कि राहत व बचाव कार्य में वे बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे और प्रभावित परिवारों को आगे आकर सहयोग करेंगे, तो इस बार भी उनकी जीत की गारंटी होगी। परंतु, बाढ़ क्या आई, कई पंचायतों की मुखिया जी 'फंस' गए। उन्हें प्रभावित परिवारों को अंचल प्रशासन के साथ आगे आकर सहयोग करना उल्टा पड़ रहा है। रहीमपुर मध्य, रहीमपुर उत्तर व रहीमपुर दक्षिण पंचायत समेत कई पंचायत जहां इस बार बाढ़ आई, वहां के मुखिया जी बुरी तरह फंस गए हैं। उन्हें भय है कि जिन्हें राहत नहीं मिली है, वे उनके सख्त विरोधी बनते जा रहे हैं। अंचल प्रशासन से जब मुखियाजी पूछने आते हैं तो जवाब मिलता है कि डिमांड ऊपर भेजा गया है। जल्द ही राहत मिलेगी। बुधवार को रहीमपुर मध्य पंचायत के मुखिया जी मक्खन साह कई लोगों के साथ सीओ से मिलने कार्यालय पहुंच गए। आरोप था कि बाढ़ से प्रभावित लोगों में कुछेक को ही पन्नी मिली है। जीआर की राशि भी कई के खाते में नहीं गई है। ऐसे लोग सुने में अनाप-शनाप बोलते हैं। वोट नहीं देने की बात करते हैं। कहते हैं कि मुखिया जी अपना आदमी को राहत दिलवा दिए, शेष को छोड़ दिए। कई लोग ऐसे लोगों को भड़काने का काम कर रहे हैं। मुखिया जी ने कहा कि लगता है कि अंचल प्रशासन दोहरी नीति अपनाकर मुखिया को हराने की साजिश में लगा हुआ है। मुखिया जी का यह भी कहना हुआ कि बाढ़ के तुरंत बाद चुनाव की घोषणा हो गई। बाढ़ में किए गए कार्य का उन्हें तोहफा मिलना चाहिए था, मगर उन्हें उल्टा पड़ रहा है। आक्रोशित लोगों को कैसे समझाएं, कि, उन्हें भी राहत मिलेगी। कोट बाढ़ प्रभावित परिवारों को जो पन्नी था वितरण कर दिया गया। 12 हजार पन्नी का डिमांड किया गया है। 12 हजार से अधिक परिवारों की सूची जीआर राशि के लिए भेजी गई। जिसमें 19 सौ से अधिक ऊपर से ही छट गया। अब वे जमीन बेचकर तो नहीं पूरा करेंगे। -अंबिका प्रसाद, अंचलाधिकारी, खगड़िया

chat bot
आपका साथी