दिनचर्या को ठीक कर मानसिक तनाव से मिल सकती है मुक्ति: डॉ. हरिगोविद
खगड़िया। दौड़-भाग की जिंदगी में अचानक लगे ब्रेक और कोरोना वायरस के डर ने लोगों के मानसि
खगड़िया। दौड़-भाग की जिंदगी में अचानक लगे ब्रेक और कोरोना वायरस के डर ने लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालना शुरू कर दिया है। इस बीच चिता, डर, अकेलेपन और अनिश्चितता का माहौल बन गया है और लोग दिन-रात इससे जूझ रहे हैं। मानसिक तनाव की स्थिति से बाहर निकलना बहुत जरूरी है। वरना तनाव अंतहीन हो सकता है। इसको लेकर डॉ. हरिगोविद ने कहा कि कुछ तरीकों को अपनाकर मानसिक तनाव से मुक्ति पा सकते हैं। उन्होंने बताया कि खुद को मानसिक रूप से मजबूत करना जरूरी है। इसमें ध्यान रखना है कि सबकुछ फिर से ठीक होगा और इसके लिए पूरी दुनिया इस कोशिश में जुटी हुई है। उन्होंने बताया कि अपने रिश्तों को मजबूत करें। छोटी-छोटी बातों का बुरा ना मानें। एक-दूसरे से बात करें और पारिवारिक सदस्यों का ख्याल रखें। निगेटिव बातों पर चर्चा कम करें। घर से बाहर तो नहीं निकल सकते, लेकिन छत पर, घर के बगीचे में आकर खड़े होकर सूरज की रोशनी से भी हम अच्छा महसूस कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अपनी दिनचर्या को बनाए रखें। इससे हमें एक उद्देश्य मिलता है और सामान्य जिदगी महसूस होती है। हमेशा की तरह समय पर सोना, जागना, खाना-पीना और व्यायाम करें। इससे मानसिक तनाव से मुक्ति मिल सकती है। डॉ. हरिगोविद ने कहा कि इन दिनों टीवी और सोशल मीडिया पर चारों तरफ कोरोना वायरस से जुड़ी खबरें आ रही हैं। हर छोटी-बड़ी, सही-गलत खबर लोगों तक पहुंच रही है। इससे भी लोगों की परेशानी बढ़ गई है। इसलिए टीवी न्यूज को देखने के लिए एक समय निश्चित करें। इससे तनाव कम होगा।
उन्होंने कहा कि बुरे वक्त में भी अच्छे पक्षों पर गौर करना है। जैसे अभी महामारी है, लॉकडाउन है, लेकिन इस बीच आपके पास अपने परिवार के साथ समय बिताने का अच्छा अवसर है। इस मौके पर भी ध्यान दें। इससे मानसिक दबाव कम होगा।