कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति पहुंचे खगड़िया, कृषि योजनाओं की गहन समीक्षा की

खगड़िया। कृषि विश्वविद्यालय सबौर के कुलपति सह निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. आरके सुहाने गुरुवार को जिला कृषि कार्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने जिला कृषि पदाधिकारी मुकेश कुमार सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण रजनीश रंजन सहायक निदेशक उद्यान मु. जावेद सहायक निदेशक पौधा संरक्षण श्यामनंदन और कृषि वैज्ञानिक डॉ. एनके सिंह के साथ बैठक की।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 12:31 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 12:31 AM (IST)
कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति पहुंचे खगड़िया, कृषि योजनाओं की गहन समीक्षा की
कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति पहुंचे खगड़िया, कृषि योजनाओं की गहन समीक्षा की

कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति पहुंचे खगड़िया, कृषि योजनाओं की गहन समीक्षा की

खगड़िया। कृषि विश्वविद्यालय सबौर के कुलपति सह निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. आरके सुहाने गुरुवार को जिला कृषि कार्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने जिला कृषि पदाधिकारी मुकेश कुमार, सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण रजनीश रंजन, सहायक निदेशक उद्यान मु. जावेद, सहायक निदेशक पौधा संरक्षण श्यामनंदन और कृषि वैज्ञानिक डॉ. एनके सिंह के साथ बैठक की। उन्होंने जिले में कृषि के क्षेत्र में चल रही गतिविधियों की जानकारी ली। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मौसम अनुकूल कृषि कार्यक्रम, बायोटेक किसान हब, पोषण वाटिका आदि की समीक्षा की। कुलपति ने जिले में स्टार्टअप के माध्यम से लोकल फॉर वोकल के अंतर्गत जिले के युवाओं को दो महीने का प्रशिक्षण देकर पांच से 25 लाख की वित्तीय लाभ देकर उन्हें कुटीर एवं लघु उद्योग परख कार्य के प्रति उत्साहित तथा जागरूक करने की बात कही। उन्होंने कहा कि लघु एवं कुटीर उद्योग का प्रशिक्षण लेकर अधिक से अधिक किसानों को इससे फायदा होगा। किसान खेती करने के बाद उपज को बेचने के लिए बाजार तलाशते हैं, स्टार्टअप के माध्यम से बाजार मुहैया कराया जाएगा। जहां आसानी से किसान अपनी उपज को सही कीमतों पर बेच पाएंगे। जिससे अधिक से अधिक किसानों को लाभ मिलेगा। उन्होंने एटीएम एवं बीटीएम के माध्यम से जिले में अच्छी टीम तैयार करने की सलाह दी। जिले के चंद्रनगर, रांको, मेहसोड़ी, चतरा और अमनी में मौसम अनुकूल कृषि कार्यक्रम चलाया जा रहा है। ग्रामीण कृषि मौसम सेवा अंतर्गत फिलहाल जिले के सातों प्रखंड में किसानों को मौसम अनुकूल एडवाइजरी दिया जा रहा है। अगले वर्ष तक प्रत्येक पंचायतों तक आपेक्षिक एडवाइजरी करने की व्यवस्था की जा रही है। कुलपति ने कहा कि बायोटेक किसान हब योजना के अंतर्गत केला, मधुमक्खी पालन एवं मशरूम उत्पादन पर खासकर कार्य किया जा रहा है। जिसका उद्देश्य है कि कृषि संबंधित कार्यालयों के आपसी समन्वय से किसानों को यथा उत्पादन तकनीक गुणवत्ता के साथ-साथ मार्केटिग की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना अपनी क्यारी अपनी थाली अंतर्गत जिले में कुल 140 सरकारी जमीन पर स्थापित पोषण वाटिका विकसित की गई है। चार कृषि वैज्ञानिकों की जल्द होगी नियुक्ति जिला कृषि कार्यालय पहुंचे कृषि विश्वविद्यालय सबौर के कुलपति डॉ. आरके सुहाने ने बताया कि जिले में 10 कृषि विज्ञानी की आवश्यकता है। परंतु, वर्तमान में छह कृषि विज्ञानी कार्यरत हैं। जल्द ही चार और कृषि विज्ञानी की नियुक्ति की जाएगी। जिससे कि जिले में कृषि के क्षेत्र में किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके। समेकित कृषि प्रणाली की जाएगी विकसित डॉ. आरके सुहाने ने बताया कि जल्द ही जिले में समेकित कृषि प्रणाली विकसित की जाएगी। जहां किसान एक जगह पर संगठित होकर कृषि करने के सही तरीके सीखेंगे। साथ ही उन्हें कृषि विभाग की तरफ से कुछ बीज भी मुहैया कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में किसानों के पास सीमित भूमि एवं अन्य प्राकृतिक संसाधन हैं। परंतु, उनकी खर्च एवं जरूरत अनंत हैं। ऐसी स्थिति में विशेष तकनीक कृषि प्रणाली की जरूरत है। जो सीमित संसाधन के समुचित उपयोग द्वारा अधिक से अधिक आमदनी दे सकें। इसके लिए किसानों को समेकित कृषि प्रणाली पद्धति को अपनाने की जरूरत है। जिससे कि किसान कृषि फसल के साथ कृषि के अन्य घटक बागवानी, पशुपालन, कुक्कुट पालन, मत्स्य पालन को एक साथ कृषि में समाहित कर सके। स्टार्टअप के माध्यम से युवाओं को मिलेगा रोजगार कृषि विज्ञान केंद्र खगड़िया पहुंचे सबौर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आरके सुहाने ने जिले के युवाओं को कृषि के क्षेत्र में बढ़- चढ़कर भागीदारी करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि किसान खेती तो कर लेते हैं, परंतु उपज को कैसे सही जगह बेचना है, यह समस्या बनी रहती है। जिससे किसानों को हानि होती है। उन्हें सही मूल्य नहीं मिल पाता है। जिसके लिए सरकार द्वारा स्टार्टअप के माध्यम से युवाओं को जोड़ा जा रहा है। जिले के युवा हमसे संपर्क कर स्टार्टअप के माध्यम से किसानों द्वारा उपजाए गए फसलों को खरीद कर उससे सही जगह बेचकर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। जिसके लिए विभाग द्वारा वैसे युवाओं को पांच से 25 लाख रुपये तक की वित्तीय मदद दी जाएगी। साथ ही उन्हें दो महीने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

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