जिले के आधा दर्जन प्रखंडों में रहेगा जवाद चक्रवात का असर

संवाद सहयोगी कटिहार जवाद चक्रवात के शनिवार को आंध्र प्रदेश और ओडिशा के समुद्र तट से टकराने की वजह से मौसम में बदलाव होने के साथ तापमान में गिरावट आएगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 09:39 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 09:39 PM (IST)
जिले के आधा दर्जन प्रखंडों में  रहेगा जवाद चक्रवात का असर
जिले के आधा दर्जन प्रखंडों में रहेगा जवाद चक्रवात का असर

संवाद सहयोगी, कटिहार: जवाद चक्रवात के शनिवार को आंध्र प्रदेश और ओडिशा के समुद्र तट से टकराने की वजह से मौसम में बदलाव होने के साथ तापमान में गिरावट आएगी। वही लगभग आधा दर्जन प्रखंडों मे हल्की बारिश होने की संभावना भी है।

इसके चलते मौसम विज्ञानी भी लोगों को सतर्क और सुरक्षित रहने के साथ फसल के बचाव के लिए किसानों से संपर्क कर मोबाइल के माध्यम से जानकारी दे रहे हैं।

जिले में चक्रवात के मद्देनजर गिरते पारा से बढ़ने वाली ठंड की आहट से आमलोग सहित किसान भी सहमे हुए हैं। पिछले खरीफ के समय भी यास तूफान से फसल को काफी क्षति हुई थी।

मौसम विज्ञानी की मानें तो जिले में इससे तीन दिन मौसम में उतार चढ़ाव होगा। इस चक्रवाती तूफान से मनसाही, मनिहारी, प्राणपुर, आजम नगर, अमदाबाद, बरारी व बारसोई में हल्की बारिश होने की संभावना है। मौसम विज्ञानी स्वीटी कुमारी ने बताया की चार दिसंबर से मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। जिले में पांच व छह दिसम्बर को बारिश होने के साथ तापमान गिरने से ठंड बढ़ने की संभावना है।

क्या कहते हैं कृषि विज्ञानिक:

कृषि विज्ञान केंद्र के विज्ञानिक पंकज कुमार ने बताया कि चक्रवात तूफान की चेतावनी से किसानों को काफी सक्रिय रहने की जरूरत है। बताया कि बारिश के पहले बादल और ठंड बढ़ने से नमी युक्त मौसम में आलू की फसल में झुलसा रोग लगने की प्रबल संभावना रहती है। ऐसे में आलू की खेती करने वाले किसानों को काफी सजग रहते हुए फसल में ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत इसका उपचार करना जरूरी है। उन्होंने बताया कि जो भी किसान गेहूं और मक्का की बुआई कर लिये हैं, वैसे किसान खेत में जलजमाव की संभावना को लेकर जलनिकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने वैसे किसान जो रबी की खेती को लेकर बुआई करना चाहते हैं, उनसे अभी बुआई नहीं कर चक्रवात के बाद करने की बात कही।

चक्रवात तूफान से पहले भी हो चुकी है क्षति : बताना होगा कि जिले में इसी वर्ष अप्रैल-मई में आयी यास चक्रवात से 11341.49 हेक्टेयर में लगी फसल को क्षति पहुंची थी। इस तूफान से मक्का, गरमा धान, पटसन व सब्जी को नुकसान पहुंचा था। विभाग द्वारा सर्वे कराकर किसानों को फसल क्षति मुआवजा के लिए 15.79 करोड का आवंटन भी मांगा गया था। जबकि पिछले वर्ष बाढ़ में 19 हजार 650 हेक्टेयर में फसल की क्षति बाढ़ से हुई थी। जिले के किसान इस चक्रवाती तूफान की विज्ञानिक चेतावनी के बाद फसल क्षति की संभावना से सहमे हुए भी हैं।

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