हजार रातों से बेहतर है रमजान के शबे कद्र की एक रात : मौलाना कासमी
कटिहार। रमजान के आखिरी दस दिनों में एक ऐसी रात भी आती है जो हजार रातों से बेहतर ह
कटिहार। रमजान के आखिरी दस दिनों में एक ऐसी रात भी आती है, जो हजार रातों से बेहतर है। उस रात को शबे कद्र कहते हैं। शबे कद्र बहुत ही महत्वपूर्ण रात है। इस रात की इबादत हजार महीनों यानी 83 वर्ष चार महीने की इबादत के बराबर सवाब मिलता है। मौलाना कारी शब्बीर अहमद कासमी ने बताया कि इस रात की फजीलत कुरान हदीस में कसरत से मौजूद है। उन्होंने कहा कि यह रात बहुत सलामती वाली रात है। इस रात को अल्लाह की इबादत में गुजारना चाहिए। यह रात पूरी की पूरी सलामती वाली रात है। यह रात बहुत ही पवित्र तथा बरकत वाली रात है। मुसलमान शबे कद्र की रात की तलाश में लगे रहे। उन्होंने कहा कि अपने अपने घरों में रहकर कोरोना वायरस के खात्मे की अल्लाह पाक से दुआ करें। उन्होंने कोरोना गाइडलाइन का अनुपालन करने एवं रमजान में अपने घरों में ही इबादत करने की अपील भी की।