पानी की तरह बहता रहा पैसा पर तबाही मचाती रही है बाढ़

कटिहार। जीवनदायिनी गंगा नदी के बाढ़ और कटाव से अभिशप्त मनिहारी अनुमंडल के लोग इसबार

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Jun 2020 05:46 PM (IST) Updated:Sat, 27 Jun 2020 05:46 PM (IST)
पानी की तरह बहता रहा पैसा
पर तबाही मचाती रही है बाढ़
पानी की तरह बहता रहा पैसा पर तबाही मचाती रही है बाढ़

कटिहार। जीवनदायिनी गंगा नदी के बाढ़ और कटाव से अभिशप्त मनिहारी अनुमंडल के लोग इसबार भी मानसून के दस्तक देते ही लोग अब बेचैन हो गए हैं। यद्यपि बाढ़ और कटाव से बचाव को लेकर गत एक दशक से यहां पर पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है, मगर अब तक कोई स्थाई निदान नहीं निकल पाया है। नतीजतन गांव टोले, सरकारी विद्यालय, मदरसा, सड़क, पुल क्रमवार हर साल नदी के गर्भ में समा रहे हैं। बताया जाता है कि अबतक दो दर्जन से अधिक गांवों का नामोनिशान मिट चुका है। यह क्रम लगातार जारी है।

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2005 से अबतक बाढ़ व कटाव के निदान को कराए गए कई कार्य

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सन 2005 में केकेएनआर एवं टीसीपी के लगभग 22 चेन तक बाढ़ निरोधात्मक कार्य तथा चेन संख्या 302 से 306 के बीच चार अदद कैरेट बोल्डर निर्माण कार्य कराया गया था। वर्ष 2006 में केकेएनआर एवं टीसीपी निवृत रेखा एवं बोल्डर रिभेटमेंट कार्य करोड़ों की राशि से हुआ। वर्ष 2007 में निवृत रेखा पर कटाव निरोधी कार्य व लाभा चौकिया पहाड़पुर, महानंदा दाया तटबंध के चेन संख्या 688 गोविबदपुर निवृत रेखा के स्पर पर नोज व सेफ भाग पुनस्र्थापित कार्य कराया गया था। लाभा चौकिया पहाड़पुर तटबंध के गोविदपुर स्थित द्वितीय, तृतीय एवं पंचम रिग बांध का उच्चीकरण व ईंट सोलिग कार्य हुआ था। वर्ष 2011-12 में चामा से मेघू टोला तक साढे तीन किलोमीटर लंबा तटबंध एवं सलुइस गेट का निर्माण कार्य करोड़ों रुपये की लागत से कराया गया था। इसके अतिरिक्त मनिहारी के आजमपुर गोला, सिग्नल टोला, नीलकोठी सहित अन्य जगहों पर कटाव की रोकथाम के लिए कार्य कराए गए थे। वही कुछ साल पूर्व पीर पहाड़ सिग्नल टोला के बीच 990 मीटर में ब्रेकेज का कार्य व नीलकोठी के आसपास जियो बैग स्लोप पीचिग कार्य भी हुआ। इसके अलावा केवाला के समीप 51 लाख की लागत से सात सौ मीटर की लंबाई में जियो बैग पिचिग व बम्बो पाइलिग का कार्य हुआ और गंगा में विलीन हो गया। 2017-18 में गोलाघाट से खट्टी के बीच 6.3 किलोमीटर में बोल्डर पिचिग कार्य 67 करोड़ के राशि के आसपास से हुआ। 2017-18 में ही कारी कोसी तटबंध के गोशाला से बाघमारा तक 15 करोड़ की लागत से जीएसबी का कार्य हुआ। 2018-19 में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मनिहारी के समीप 32 लाख की लागत से 210 मीटर में एन सी का बेस बनाकर गेभियन टॉप व जियो बैग स्लोप पिचिग कार्य हुआ। इसके अतिरिक्त साल दर साल बाढ़ संघर्षात्मक कार्य, फ्लड फाइटिग, बम्बो पाइलिग, ट्री पाइलिग, झांकी पाइलिग भी होते रहे है। इस वर्ष भी 2019-20 में मनिहारी के सिग्नल टोला एवं पीर मजार के निकट कटाव निरोधी कार्य जियो बैग स्लोप कार्य दो करोड़ 87 लाख रुपये से तथा अमदाबाद में मेघू टोला से बबलाबन्ना खट्टी तक बल्ला पाइलिग, गेभियन जियो बैग पिचिग का कार्य 14 करोड़ से कराया जा रहा है, विभाग के अनुसार कार्य पूर्ण हो चुका है।वही मनिहारी के ़गांधी टोला, बाघमारा से केवाला तक 5.2 किलोमीटर लम्बाई तक बोल्डर पिचिग का कार्य भी लगभग 93 करोड़ की लागत से होना है, जिसे 2021 तक पूर्ण करना है। इधर उपरोक्त कार्यों से न तो बाढ़ और न ही कटाव से लोगों को निजात मिल पाई।

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