Video: बिहार के ये शरारती चूहे, पहले पी गए शराब, कुतर गए बांध, अब चट कर गए दवा-स्लाइन

बिहार के शरारती चूहों ने शराब पीने के बाद बांध कुतर डाला था और अब उन्होने नया कारनाम कर दिखाया है। कटिहार जिले के दवा केंद्र में रखी दवा खा गए और स्लाइन पी गए हैं। जानिए मामला

By Kajal KumariEdited By: Publish:Fri, 21 Feb 2020 04:24 PM (IST) Updated:Fri, 21 Feb 2020 11:05 PM (IST)
Video: बिहार के ये शरारती चूहे, पहले पी गए शराब, कुतर गए बांध, अब चट कर गए दवा-स्लाइन
Video: बिहार के ये शरारती चूहे, पहले पी गए शराब, कुतर गए बांध, अब चट कर गए दवा-स्लाइन

कटिहार, जेएनएन। बिहार के चूहे भी गजब हैं, कभी शराब गटक जाते हैं तो कभी नदियों पर बने बांध को काट खा जाते हैं। अब उन्होंने नया कारनामा कर दिखाया है। इस बार चूहों ने दवा के स्टोर से सैकड़ों बोतल स्लाइन पी ली है। मामला कटिहार सदर अस्पताल के दवा भंडार से ज़ुड़ा है। यहां सरकारी दवा भंडार में रखे सैकड़ों बोतल स्लाइन चूहे पी गए हैं। कटिहार सदर अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर एपी शाही ने भी स्वयं इसकी पुष्टि कर दी है।

सिविल सर्जन ने बताया कि कटिहार जिला अस्पताल की दवा भंडार अर्धनिर्मित हालत में है। ऐसे में जरूरत से अधिक दवा और स्लाइन की बोतलें भेज दिए जाने के कारण इनका रख-रखाव बड़ी समस्या है। यही कारण है कि सौ से अधिक स्लाइन की बोतलों को चूहों ने कुतर दिया।

खुले नवनिर्मित दवा भंडार में दबंग चूहों को खोजने में जिले का स्वास्थ्य महकमा जुटा हुआ है। सिविल सर्जन ने कड़ी कार्रवाई की बात की है।

#बिहार में अब चूहों ने खा ली दवा, sline की बोतलों को कर दिया खाली। सच में बहुत शरारती हैं बिहार के चूहे, कभी शराब पी जाते हैं तो कभी बांध काट देते हैं#Bihar #rat #katihar pic.twitter.com/ovu3woBUJp

— kajal lall (@lallkajal) February 21, 2020

हालांकि, कितना नुकसान हुआ, यह अब तक साफ नहीं हुआ है। फिलहाल जांच के साथ साथ चूहे के कुतरे हुए बोतलों की गिनती भी हो रही है। वहीं, इसके निदान के सवाल पर स्वास्थ्य महकमे के पास कोई मुकम्मल जवाब भी नहीं है। सिविल सर्जन चूहों के दांत की विशेषता बताते हुए निदान के सवाल के ठोस जवाब से बचते रहे।

सिविल सर्जन अरविंद कुमार शाही ने कहा, "मुझे मामले की जानकारी मिली है. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि हमारे स्टोर में दवा इतनी ज्यादा मात्रा में आ रही है लेकिन उसके रखरखाव के लिए कोई अच्छी व्यवस्था नहीं है। कोई अच्छा रूम नहीं है। ज्यादातर दवाइयों को बरामदे में रखा गया है। चूहों के प्रकोप की वजह से उसे दूसरे जगह शिफ्ट किया गया है ताकि दवाइयां सुरक्षित रह सके।" 

दिलचस्प बात यह है कि एक तरफ सरकार राज्य की चरमराई स्वास्थ्य विभाग को सुधारने की खातिर पर्याप्त दवा का भंडारण सरकारी अस्पताल में करने में जुटी है। वहीं दूसरी तरफ अधिकारी और कर्मी रखरखाव का हवाला देकर जिम्मेदार सरकार और चूहों को जिम्मेदार बता रहे हैं।

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