धार में पुल नहीं रहने से बारसात में ठप पड़ जाती है आवाजाही
कटिहार। बारिश एवं बाढ़ के मौसम में चार माह धनगामा पंचायत दो भागों में बंटा रहता है। इस पंचायत को जोड़ने वाली लीलजी धार पर पुल नहीं है जिसके कारण दशकों से बाढ़ एवं बरसात के समय पंचायत तक पहुंचने के लिए आवागमन की समस्या बनी रहती है।
कटिहार। बारिश एवं बाढ़ के मौसम में चार माह धनगामा पंचायत दो भागों में बंटा रहता है। इस पंचायत को जोड़ने वाली लीलजी धार पर पुल नहीं है जिसके कारण दशकों से बाढ़ एवं बरसात के समय पंचायत तक पहुंचने के लिए आवागमन की समस्या बनी रहती है। आजादी के बाद से हीं पंचायत वासियों को जनप्रतिनिधियों द्वारा छला जाता रहा है। चुनाव के समय सांसद एवं विधायक की ओर से बार-बार पुल बनाने का आश्वासन तो दिया जाता है, लेकिन धरातल पर आज भी समस्या जस की तस बनी हुई है। बाढ़ के दस्तक देने के साथ हीं पंचायत की आधी से अधिक आबादी राशन, पानी सहित अन्य जरुरत के सामानों की खरीदारी कर बाढ़ से निपटने की तैयारी में जुटे जाते हैं द्य ताकि किसी प्रकार चार माह बाढ़ को झेल सके द्य चार माह लोगों को नाव की सवारी करने को विवश होना पड़ता है द्य पूर्व में उक्त धार में नाव पलटने से लोगों की जान भी जा चुकी है द्य बाढ़ एवं बरसात के समय गर्भवती महिला के साथ मरीज को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। वहीं इस मौसम में उच्च विद्यालय के छात्रों की पढ़ाई बाधित रहती है द्य क्योंकि उच्च विद्यालय धार के उस पर है द्य जबकि धार को नाव से पार कर लोग प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र , हाट , बाजार एवं पंचायत भवन जाते हैं द्य किसी प्रकार की घटना होने पर बारिश के दिनों में प्रशासन के लिए भी वहां पहुंचना मुश्किल होता है द्य कदवा का सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण पुल निर्माण के प्रति जनप्रतिनिधियों की दिलचस्पी नही है द्य इस पंचायत के बाद पूर्णिया जिला शुरु हो जाता है द्य लेकिन चुनाव के समय प्रतिनिधि वादा करना नहीं भूलते हैं द्य जबकि धार के दोनों ओर पक्की सड़क का निर्माण वर्षों पूर्व किया गया है द्य स्थानीय मुखिया सतीश बोसाक समेत चमरु यादव, मु मतलिब आदि ने इसे पंचायत के लोगों के लिए दुखद बताया है। कहा कि वोट के समय जनप्रतिनिधियों की ओर से किया गया वादा खोखला साबित हो रहा है द्य धार पर पुल बनवाने में स्थानीय सांसद, विधायक की कोई दिलचस्पी नहीं है द्य