चांद के दीदार के साथ रमजान की तराबीह शुरू, पहला रोजा आज
कटिहार। चांद का दीदार होते ही मंगलवार शाम से माह-ए-रमजान की इबादत शुरू हो गया। बुधवार
कटिहार। चांद का दीदार होते ही मंगलवार शाम से माह-ए-रमजान की इबादत शुरू हो गया। बुधवार को पहला रोजा होगा। आमतौर पर चांद रात पर मुस्लिम इलाकों में खास चहल-पहल न•ार आती है। मस्जिदों में तरावीह (़खास नमा•ा) का दौर शुरू हो जाता है। इसके अलावा चांद दिखते ही लोग आतिशबा•ाी करते हैं और एक दूसरे को गले लगाकर रम•ान की मुबारकबाद देते हैं। हालांकि, इस बार कोरोना वायरस के कहर की वजह से देश भर में लॉकडाउन की स्थिति है। आगामी 18 अप्रैल तक सूबे में शाम सात बजे से दुकानें बंद सहित सभी धार्मिक स्थल मस्जिद मंदिर और गरुद्वारा बंद करने के फरमान जारी किया है । जिसकी वजह से पाक महीना माहे रमजान की इबादत मस्जिदों में करने की किसी को इजा•ात नहीं है। ऐसे में लोग चांद का दीदार करके अपने घरों में ही इबादत किया। मस्जिदों में सिर्फ पेश ए इमाम, मोअज्जिन व दो लोगों ने तराबीह की नमाज पढ़ी। इसलिए मुस्लिम बाहुल्य इलाकों या मस्जिद में रम•ान की रौनक़ देखने को नहीं मिली। क्या कहते हैं मौैलाना: मौलाना इजराइल कासमी ने रमजान की विशेषता पर रोशनी डालते हुए कहा कि इस पाक महीने को तीन अशरे (दस दिन) में बांटा गया है। जिसमें पहला दस दिन रहमत का व दूसरा अशरा मगफिरत का तथा तीसरा अशरा जहन्नुम से निजात का है। इसलिए खुशनसीब हैं वह लोग जिन्होंने यह मुबारक महीना पाया और रोजा का हक अदा कर खुदा को खुश किया। सरकार के गाइड लाइन का पालन करना भी सवाब है,क्योंकि अल्लाह पाक ने फरमाया है कि जब कोई बीमारी फैल जाए तो तुम जहाँ हो वहीं ठहर जाओ, ऐसा नहीं की तुमसे और लोगों में बीमारी फैल जाए। उन्होंने कहा कि रमजान के हर एक लम्हें पर नेकी है, रोजेदार अगर लॉकडाउन पालन करेंगे तो अल्लाह पाक और ज्यादा सबाब(नेकी) देंगे। इसलिए उन्होंने कहा कि मस्जिदों में सामूहिक तराबीह पर पावंदी रहेगी । रोजेदार अपने घरों में तराबीह नमाज पढ़े और इबादत करें। आगे उन्होंने कहा कि ये वक्त महामारी का है, मुश्किलों का है। ऐसे में हमें रमजान की इबादत और रोजों के बीच अपने और अपने परिवार की सुरक्षा का भी ध्यान रखना है।उन्होंने ऐसे समय पर घरों में नमाज पढ़ने को कहा है। बाजारों में बेवजह भीड़ लगाने से मना किया है। रमजान माह की खासियत रोजा और अल्लाह की इबादत करना है। कोरोना खुदा की इबादत में किसी भी तरह की अड़चन पैदा नहीं कर सकता, लेकिन वबा फैली हुई है और इंसानियत को जिदा रखने के लिए इससे जीतना भी जरूरी है। अल्लाह पाक ने चाहा तो बहुत जल्द पूरी दुनिया से कोरोना वायरस का खात्मा होगी। रहमत का महीना है रम•ान :
हा़िफ•ा अब्दुस सबुर ने कहा कि रम•ान का महीना रहमत, बरक़त और मग़फिरत का है। इस महीने में बंदा अपनी इबादत के •ारिए अल्लाह के करीब जा सकता है। इसी महीने में क़ुरान पाक़ ना•ालि हुआ। इस महीने में खूब इबादत करें, गरीबों की मदद करें और बुरे कामों से दूर रहे। पूरे रो•ो रख मुस्तकिल तरावीह पढ़ें। रो•ा रखना हर मुस्लमान का फ़र्•ा :
हाफिज मु. मजहर ने कहा कि रमजाऩ के रो•ो हर बालिग मर्द और औरत पर फर्•ा है। रो•ो का असल मकसद भूखा रहना नहीं अपनी नफ्स (इच्छाओं) पर काबू पाना है। इस माह में एक नेकी का सवाब सत्तर गुना मिलता है। रो•ो की हालत में गीबत, झूठ, लड़ाई आदि बुरे कामों से बचना चाहिए। अल्लाह की खूब इबादत करें और गरीबों की मदद करें।
पेश-ए-इमाम जमा मस्जिद महेशपुर के मोलाना शब्बीर अहमद कासमी ने कहा कि माहे रमजान का चांद मंगलवार शाम को दीदार होने के बाद रमजान का पवित्र महीना शुरू हो गया। यह महीना जहां खुशियां बांटने का महीना है वही यह महीना इबादत का महीना है। अल्लाह से मांगने का महीना है रमजान उल मुबारक का आमद ऐसे वक्त में हो रहा है जबकि पूरे देश में कोरोना वायरस का कहर जारी है ऐसे वक्त में तमाम देशवासियों से अपील है कि अल्लाह ताला से तौबा अस्तगफार करें और इस जानलेवा बीमारी को खत्म करने के लिए दुआ करें नमाज रोजे की पाबंदी करें इंशाअल्लाह इस महीने की बरकत से कोरोना जैसी बीमारी को हम लोग शिकस्त देने में कामयाब रहेंगे क्या कहती हैं बीडीओ: फलका बीडीओ रेखा कुमारी ने कहा कि कोरोना महामारी को लेकर आगामी 18 अप्रैल तक सभी धार्मिक स्थल बंद है। मस्जिदों में सामूहिक नमाज पर पाबंदी है। इसलिए रोजेदारों से अपील है कि आप अपने अपने घरों पर इबादत करें। भीड़ भाड़ जगहों पर जाने से बचें।