समेली सीएचसी में बिना कंपाउंडर और ड्रेसर के चल रहा है काम

संवाद सूत्र समेली (कटिहार) समेली प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर करीब एक लाख की आबादी के इलाज का दारोमदार है। जबकि अस्पताल में मूलभूत सुविधाओं का भी घोर अभाव है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 10:07 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 12:15 AM (IST)
समेली सीएचसी में बिना कंपाउंडर और ड्रेसर के चल रहा है काम
समेली सीएचसी में बिना कंपाउंडर और ड्रेसर के चल रहा है काम

संवाद सूत्र, समेली (कटिहार): समेली प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर करीब एक लाख की आबादी के इलाज का दारोमदार है। जबकि अस्पताल में मूलभूत सुविधाओं का भी घोर अभाव है। इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक के अभाव के साथ ही कंपाउंडर और ड्रेसर भी नसीब नहीं है। सामान्य से लेकर आपातकाल की स्थिति में यहां एम्बुलेंस कर्मी से ड्रेसर का कार्य लिया जाता है। यही कारण है कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में अधिकांश मरीज को यहां से सदर अस्पताल कटिहार रेफर कर दिया जाता है। प्रखंड के आठ पंचायतों के लोग इलाज के लिए यहां पहुंचते हैं।

एक लाख की आबादी के इलाज का जिम्मा

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जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर प्रखंड मुख्यालय के समीप सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र समेली में प्रखंड के आठ पंचायत के करीब एक लाख की आबादी के इलाज का जिम्मा है। इसके अलावा प्रखंड मुख्यालय से सटे पूर्णिया जिले के कई गांव की हजारों आबादी को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराए जाने का दारोमदार इसी पर है। लेकिन अस्पताल में चिकित्सक सहित स्वास्थ्य कर्मियों के कई पद वर्षों से खाली रहने के कारण लोगों को समुचित स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पा रही है।

चिकित्सक का पांच पद खाली

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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सामान्य चिकित्सक का कुल आठ स्वीकृत पद है। इनमें से तीन पद पर ही चिकित्सक कार्यरत है। एमबीबीएस चिकित्सकों में प्रभारी डॉ विनय कुमार सिंह, डा चंदन कुमार और तीसरे हाल में संविदा पर बहाल डा प्रीतम कुमार दीप हैं। इसके अलावा एक आयुष चिकित्सक डा उपेन्द्र कुमार सिन्हा तथा एक डेन्टिस्ट डा अनुपम आलोक एवं एक आरबीएसके चिकित्सक डा रामप्रमोद शर्मा यहां कार्यरत हैं। जबकि ड्रेसर के तीन स्वीकृत पद वर्षों से खाली है। लैब टेक्नीशियन का एक नियमित पद खाली है। वहीं संविदा पर एक बहाल है। फार्मासिस्ट के एक पद और लिपिक के एक पद पर कर्मी बहाल हैं। इसी तरह एएनएम के 30 पद में 26 कार्यरत हैं। इतनी बड़ी आबादी में इस अस्पताल में आज तक एक महिला चिकित्सक की बहाली नहीं हुई है। जबकि यहां प्रत्येक दिन बड़ी संख्या में महिलाएं प्रसव के लिए पहुंचती हैं। यहां ऑक्सीजन सिलेंडर की संख्या सात है।

क्या कहते हैं मरीज:

वहीं अस्पताल में इलाज कराने आए मरीज मनीषा कुमारी, पूजा देवी, सरिता देवी का कहना है कि चिकित्सक की कमी के कारण यहां स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है। इमरजेंसी में सिर्फ यहां रोगी को रेफर कर दिया जाता है। चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी या फिर स्वीपर से यहां ड्रेसर का काम लिया जाता है। एएनएम और आशा के भरोसे अस्पताल चल रहा है।

गंभीर मरीज किए जाते हैं रेफर: अस्पताल में एक्सरे की सुविधा है। लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सक के नहीं रहने से गंभीर अवस्था में मरीज को रेफर कर दिया जाता है। एक एम्बुलेंस की स्थिति भी काफी जर्जर है।

क्या कहते हैं चिकित्सा प्रभारी: प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा विनय कुमार सिंह कहते हैं कि सीमित संसाधनों के बीच लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराई जा रही है। आवश्यक दवा की उपलब्धता रहती है। यहां महिला चिकित्सक की कमी है। अस्पताल में एक एम्बुलेंस है। जो जर्जर अवस्था में है। साथ ही चिकित्सक सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के खाली पद पर नियुक्ति के लिए विभाग को लिखा गया है।

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