आठ फीसद छात्रों को मिला है एमडीएम के बदले राशन
कटिहार। सरकारी विद्यालयों में एमडीएम योजना में गड़बड़ी की बात आम है लेकिन लॉकडाउन क
कटिहार। सरकारी विद्यालयों में एमडीएम योजना में गड़बड़ी की बात आम है, लेकिन लॉकडाउन के दौरान विद्यालय बंद रहने की स्थिति में बच्चों को सूखा राशन मुहैया कराया जाना है, लेकिन इसकी स्थिति भी संतोषजनक नहीं है। राशन वितरण करने में सूबे के आठ जिले दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। इसको लेकर कटिहार सहित आठ जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी से शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने स्पष्टीकरण पूछा है। साथ ही तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण का जबाव देने का निर्देश दिया है।
बताते चलें कि कटिहार जिले के 2011 विद्यालयों के 618858 छात्रों को इसका लाभ दिया जाना है। इन बच्चों को एमडीएम के बदले चावल मुहैया कराया जाना है, जबकि राशि उनके बैंक खाते में हस्तांतरित की जानी है। लेकिन अबतक महज 960 विद्यालयों में वितरण प्रारंभ किया गया है, जबकि कुल 48506 छात्र-छात्राओं को इसका लाभ मिल पाया है। बताते चलें कि राज्य स्तरीय समीक्षा के दौरान आठ जिलों की स्थिति संतोषजनक नहीं रहने के कारण गहरी नाराजगी व्यक्त की गई है।
महज आठ फीसदी बच्चों को ही मिल पाया है लाभ :
बताते चलें कि तीन मई से 31 जुलाई तक की अवधी के लिए एमडीएम के बदले बच्चों को चावल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था। लेकिन कटिहार सहित अन्य आठ जिलों में वितरण की स्थिति ठीक नहीं रही। अबतक महज आठ फीसदी बच्चों को ही लाभांवित किया गया है, जबकि शत प्रतिशत बच्चों को इसका लाभ दिया जाना है। लेकिन विभागीय स्तर पर इसको लेकर गंभीरता नहीं दिख रही है। बताते चलें कि वितरण संतोषप्रद नहीं रहने के कारण लगातार इसकी मॉनीटरिग के बाद भी स्थिति यथावत है। वितरण संतोषप्रद नहीं रहने के कारण उच्च न्यायालय के साथ मानवाधिकार आयोग ने भी इसपर स्वत: संज्ञान लिया है। इसके बाद भी काफी संख्या में बच्चे लाभ से वंचित हैं।