हर साल 300 लोगों को बेघर कर रही गंगा-महानंदा

कटिहार। गंगा महानंदा व कोसी की गोद में बसे कटिहार जिले में बाढ़-कटाव की समस्या का स्था

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 Aug 2020 09:57 PM (IST) Updated:Thu, 06 Aug 2020 09:57 PM (IST)
हर साल 300 लोगों को बेघर कर रही गंगा-महानंदा
हर साल 300 लोगों को बेघर कर रही गंगा-महानंदा

कटिहार। गंगा, महानंदा व कोसी की गोद में बसे कटिहार जिले में बाढ़-कटाव की समस्या का स्थायी निदान नहीं होने के कारण गंगा व महानंदा हर साल लगभग 300 लोगों को बेघर कर जाती है। यह सिलसिला अनवरत जारी है। पिछले तीन दशकों में 20 हजार से अधिक लोग बेघर होकर विस्थापन का दंश झेल रहे हैं, लेकिन कटाव की समस्या यथावत बनी हुई है। पुनर्वास की आस में विस्थापित परिवार यायावर की जिदगी जीने को विवश हैं।

कटाव निरोधी कार्य मुकम्मल नहीं रहने के कारण लोग कटाव की विभीषिका झेलने को अभिशप्त हैं। अब तक सैकड़ों घर गंगा की गोद में समा चुके हैं। इस बार भी अमदाबाद में 100 व मनिहारी में 50 घर कटाव की भेंट चढ़ चुके हैं। प्राणपुर व कदवा में भी कटाव के कारण लगभग दो दर्जन परिवार विस्थापित हो चुके हैं। नदियों में पानी घटने के बाद लोग कटाव की आशंका से भयभीत हो जाते हैं। :- इस बार भी मच चुकी है तबाही : इस वर्ष गंगा के कटाव के कारण अमदाबाद के युसूफ टोला, पोड़ाबाद, सूबेदार टोला, कृति टोला और महानंदा के कटाव से लखनपुर हाटखोला चौक के एक सौ परिवार विस्थापित हो चुके हैं। मनिहारी के बौलिया दियारा अंतर्गत बालू टोला में लगभग 50 परिवारों का घर गंगा में समा चुके हैं। इसी तरह अमदबाद प्रखंड के धन्नी टोला, मेघू टोला, युसूफ टोला, झब्बू टोला, किर्ती टोला, मनिहारी का बौलिया दियारा, महेशपुर दियारा सहित नगर पंचायत क्षेत्र के कुछ इलाके, बरारी प्रखंड के कांतनगर, दक्षिण भंडारतल, गुरुमेला, सीज टोला, वैशा गोविदपुर और मोहनाचांदपुर, प्राणपुर प्रखंड में लालगंज भगत टोला, जल्ला हरेरामपुर, धबौल, काठघर दुर्गापुर सहित कदवा, आजमनगर के कुछ इलाके कटाव की चपेट में हैं। :- कारगर नहीं हुआ 14 करोड़ का बंबू पाइलिग कार्य : इस वर्ष लगभग 14 करोड़ की लागत से गोलाघाट से खट्टी टोला के बीच 6.2 किलोमीटर में बंबू पाइलिग का कार्य कराया गया था। यह काम भी कटाव की भेंट चढ़ गया। 2017-18 में भी इतनी दूरी में ही 67 करोड़ की लागत से बोल्डर पिचिग का कार्य हुआ था, जो बेकार साबित हुआ। वहीं मनिहारी में केवाला से बाघमारा तक लगभग 94 करोड़ से 5.2 किलोमीटर में बोल्डर पिचिग का कार्य होना है। महज 660 मीटर सहित 30 मीटर एंकर का कार्य हो पाया है। इस कारण कटाव का खतरा बरकरार है। गंगा व महानंदा लगातार तबाही मचा रही है।

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