आजमनगर में खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही महानंदा

कटिहार। आजमनगर में महानंदा के जलस्तर में लगातार वृद्धि से नदी रौद्ररूप धारण कर रही है। जलस्तर में लगातार वृद्धि होने से बहरखाल और आजमनगर में महानंदा खतरे के निशान से लगभग एक मीटर ऊपर बह रही है। बहरखाल में जलस्तर शनिवार की शाम को 31.50 मीटर रिकार्ड किया गया। वहीं आजमनगर में नदी का जलस्तर 30.80 मीटर रहा।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 21 Aug 2021 06:33 PM (IST) Updated:Sat, 21 Aug 2021 06:33 PM (IST)
आजमनगर में खतरे के निशान से 
एक मीटर ऊपर बह रही महानंदा
आजमनगर में खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही महानंदा

कटिहार। आजमनगर में महानंदा के जलस्तर में लगातार वृद्धि से नदी रौद्ररूप धारण कर रही है। जलस्तर में लगातार वृद्धि होने से बहरखाल और आजमनगर में महानंदा खतरे के निशान से लगभग एक मीटर ऊपर बह रही है। बहरखाल में जलस्तर शनिवार की शाम को 31.50 मीटर रिकार्ड किया गया। वहीं आजमनगर में नदी का जलस्तर 30.80 मीटर रहा।

महानंदा नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए क्षेत्र में बाढ़ के संभावित खतरे से लोग भयभीत है। निचले इलाकों में लोग ज्यादा परेशान है। बैरिया पंचायत के रतनपुर, सोलकन्धा, गढबघवा, सिघोल पंचायत का बालूपुर तथा औलिया, हरनागर पंचायत के बेलबाड़ी और खौड़ा सहित अरिहाना पंचायत के झौआ हरिजन टोला और चनका टोला सहित कई अन्य गांवों में बाढ़ का पानी फैल रहा है। इन गांव की कई सड़कें भी डूब गई है और लोग नाव से आवागमन कर रहे हैं। महानंदा का जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ जाएगा।

2017 में आई बाढ़ ने क्षेत्र में इस कदर तबाही मचाई थी कि लोग अब भी उससे उबर नहीं पाए हैं। ऐसे में पुन: बाढ़ झेलने का साहस लोगों में नहीं है। कोरोना महामारी के कारण लोग पहले से ही आर्थिक रूप से परेशान हैं। अब बाढ़ के रूप में दूसरी प्राकृतिक आपदा की संभावना से लोग दुखी हैं।

अंचलाधिकारी संजय कुमार ने कहा कि बाढ़ के संभावित खतरे को देखते हुए तैयारी की जा चुकी है। 18 निजी व 20 सरकारी नाव की बंदोबस्ती कर ली गई है ताकि आपात स्थिति में लोगों को राहत पहुंचाई जा सके।

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