अंचलाधिकारी के गलत प्रतिवेदन से किसान और जमींदार हो रहे परेशान
कटिहार। जिले के विभिन्न अंचलों के अंचलाधिकारी के प्रतिवेदन के आधार पर बहुत सारी भूमि को बिहार सरकार की भूमि दिखाते हुए निबंधन कार्यालय में खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी गई है।
कटिहार। जिले के विभिन्न अंचलों के अंचलाधिकारी के प्रतिवेदन के आधार पर बहुत सारी भूमि को बिहार सरकार की भूमि दिखाते हुए निबंधन कार्यालय में खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी गई है। इस संबंध में किसान और जमींदार को हो रही परेशानी को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी सहकारिता मंच के संयोजक उमेश कुमार सिंह ने उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री को आवेदन देकर अपने स्तर से राज्य सरकार एवं जिला स्तर पर कार्रवाई की मांग की है।
आवेदन में कहा है कि प्रतिवेदन में अंचलाधिकारी की ओर से भूमि का सिर्फ खाता एवं खेसरा दिखाकर रोक लगा दी गई है, जबकि उक्त खाता-खेसरा के अंतर्गत कितनी जमीन का रकबा बिहार सरकार का है, यह स्पष्ट रूप से नहीं दर्शाया जाता है। बहुत से खाते की जमीन भूदान, लाल कार्ड, बिहार सरकार आदि दिखाकर बिक्री पर रोक लगा दी गई है जबकि उक्त खाते की जमीन पूरी तरह से विवाद रहित होता है।
सरकारी पदाधिकारी एवं कर्मचारी की गलती के कारण किसान एवं जमींदार को गलती सुधारने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से पुन: जांच कर सुधार के लिए कई बार जिला कार्यालय को पूर्व में पत्राचार किया जा चुका है, लेकिन अभी तक इस विषय में विशेष कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। इसलिए किसान एवं जमींदार के हित में इसके समाधान को लेकर अपने स्तर से राज्य सरकार एवं जिला स्तर पर कार्रवाई की जाए।