अभाविप ने केबी झा कॉलेज के प्राचार्य को सौंपा मांगपत्र

कटिहार। अखिल भारतीय विघार्थी परिषद ने कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए केबी झ

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 11:18 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 12:34 AM (IST)
अभाविप ने केबी झा कॉलेज  के प्राचार्य को सौंपा मांगपत्र
अभाविप ने केबी झा कॉलेज के प्राचार्य को सौंपा मांगपत्र

कटिहार। अखिल भारतीय विघार्थी परिषद ने कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए केबी झा कॉलेज में स्नातक तृतीय खंड के नामांकन को अगले आदेश तक स्थगित करने को लेकर प्राचार्य को मांगपत्र सौंपा। मांगपत्र के माध्यम से छात्र नेताओं ने कहा कि महाविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक के कोरोना पॉजिटिव होने के कारण कॉलेज में छात्र-छात्राओं के बीच हड़कंप व्याप्त है। विघार्थी सहित कॉलेज कर्मियों में भी भय व्याप्त है। उन्होंने कहा कि कॉलेज में पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी स्नातक तृतीय खंड का नामांकन लिया जा रहा है। कॉलेज प्रशासन द्वारा संक्रमण से बचाव को लेकर किसी तरह की व्यवस्था नहीं की गई है। कोरोना के बढ़ते सक्रमण को देखते हुए अगले आदेश तक तृतीय खंड का नामांकन स्थगित करने की मांग की गई। इस मौके पर नगर मंत्री विक्रांत सिंह, कमल ठाकुर, अनिकेत प्रियदर्शी, राहुल आदि कार्यकर्ता मौजूद थे।

कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद भी नामांकन के दौरान दो गज दूरी का नहीं हो रहा पालन

पूर्णिया विश्वविद्यालय के निर्देशानुसार जिले के केबी क्षा कॉलेज में चल रहे स्नातक तृतीय खंड सत्र 2018-21 के नामांकन में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कोई एहतियात नहीं बरती जा रही हैं। बता दें कि 16 अप्रैल को महाविद्यालय के एक कर्मी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इसके बावजूद भी कॉलेज प्रशासन के द्धारा कोरोना वायरस से बचाव के लिए कोई व्यवस्था तक नहीं किया गया हैं। महाविद्यालय में तृतीय खंड का नामांकन तो लिया जा रहा हैं। लेकिन सोशल डिस्टेसिग का पालन नहीं करवाया जा रहा हैं। एक ही काउंटर पर दर्जनो विघार्थियों का नामांकन लिया जा रहा हैं। वही अभाविप छात्र नेता कमल ठाकुर ने बताया कि तृतीय खंड के नामांकन के लिए एक ही कांउटर बनाया गया हैं। छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग काउंटर नहीं होने से शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो रहा हैं। जबकि कॉलेज प्रशासन के द्धारा भी कोई पहल नहीं किया जा रहा हैं। एनएसयूआई के छात्र नेता अमित पासवान ने कहा कि पूर्णिया विश्वविद्यालय के द्धारा दिए गए कोरोना गाइडलाइन का पालन ना कर कॉलेज प्रशासन अनदेखी कर रहा हैं। और छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा हैं।

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