ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को रेलवे लगाएगा संयंत्र
कटिहार। स्वच्छ भारत मिशन के तहत रेलवे ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर बड़े पैमाने पर योज
कटिहार। स्वच्छ भारत मिशन के तहत रेलवे ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर बड़े पैमाने पर योजना तैयार की है। पूर्वोत्तर सीमांत (पूसी) रेलवे ने रेल प्रतिष्ठान एवं रेल कॉलोनी में भारी मात्रा में ठोस अपशिष्ट जमा होने को लेकर इससे संबंधित योजना तैयार की गई है। ठोस अपशिष्ट की रिसाइक्लिग, पुन: उपयोग में लाने एवं बायो डिजास्टर संयंत्र से बायो गैस उत्पादन किया जाएगा।
इसको लेकर मालीगांव स्थित केंद्रीय रेल अस्पताल में बायो मिथेन संयंत्र की स्थापना की जा रही है। पूर्वाेत्तर सीमांत रेलवे के कटिहार, एनजेपी, रंगिया, कामाख्या, गुवाहाटी, लामडिग, दीमापुर, न्यू तिनसुकिया, डिब्रूगढ़ तथा सिल्चर में ठोस अपशिष्ट को संग्रहित कर पृथकीकरण करने की योजना तैयार की गई है। विशेषज्ञों की टीम द्वारा इसकी मॉनिटरिग की जाएगी। एकत्रित होने वाले ठोस अपशिष्ट की मात्रा के आकलन के आधार पर यहां बायो डिजास्टर संयंत्र लगाए जाएंगे। यह संयंत्र पर्यावरण के अनुकूल होगा। ठोस कचरा प्रबंधन के लिए कामाख्या स्थित कोचिग डिपो में यांत्रिक लांड्री डिपो की स्थापना की जा रही है। पहले चरण में बायो डिग्रेबल अपशिष्ट को लेकर गुवाहाटी एवं मालीगांव में बायो डिजास्टर संयंत्र लगाया जा रहा है। संयंत्र में रिएक्टर टैंक के माध्यम से ठोस अपशिष्ट के निपटारा किया जाएगा। संयंत्र के कचरा शोधन की क्षमता के अनुरूप बायो गैस का उत्पादन किया जाएगा। सौ केजी क्षमता होने पर 18 घनमीटर बायो गैस उत्पादित किया जा सकेगा। विभागीय जानकारी के मुताबिक कटिहार सहित 10 स्थानों पर ठोस अपशिष्ट निस्तारण संयंत्र लगाए जाने की योजना प्रस्तावित है। जल्द ही संयंत्र स्थापित करने की दिशा में काम शुरू करने की योजना है। पूसी रेलवे की यह योजना केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत मिशन को लेकर तैयार की गई है। रेलवे ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए कचरा से गड्ढानुमा जमीन भरने के काम को अंतिम विकल्प के रूप में रखा है। पर्यावरण हितैषी एवं ठोस अपशिष्ट शोधन से ऊर्जा उत्पादन को योजना में प्राथमिकता दी गई है।
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स्वच्छ भारत मिशन के तहत पूसी रेलवे ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर बायो डिजास्टर संयंत्र लगाने की योजना तैयार की है। कटिहार सहित पूसी रेल के 10 स्थानों पर रेल क्षेत्र से एकत्रित ठोस अपशिष्ट को डिस्पोजेबल एवं नन डिस्पोजेबल के रूप में अलग अलग करने का काम किया जाएगा। तकनीकी टीम द्वारा इसकी मॉनिटरिग की जाएगी। आने वाले समय में इन स्थानों पर संयंत्र स्थापित किए जाएंगे।
- शुभानन चंद्रा
मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी, एनएफ रेल, मालीगांव