फलका के विद्यालयों में धूमधाम से मनाई गई डा. राजेंद्र की जयंती
संवाद सूत्र फलका (कटिहार) फलका प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की जयंती धूमधाम से मनाई गई।
संवाद सूत्र, फलका (कटिहार) : फलका प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की जयंती धूमधाम से मनाई गई। उत्क्रमित मध्य विद्यालय रंगाकॉल मूसापुर, माध्यमिक विद्यालय भारतीय मध्य विद्यालय लक्ष्मीपुर लोहजर में प्रधानाध्यापक के नेतृत्व में जयंती मनाई गई। माध्यमिक विद्यालय भरसिया में प्रधानाध्यापक सोहेल अहमद के द्वारा उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण कर छात्र छात्राओं को राजेंद्र प्रसाद की जीवनी से अवगत कराया गया। छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की पढ़ाई फारसी और उर्दू से शुरू हुई थी। वे अंग्रेजी, हिदी, उर्दू, फारसी और बांग्ला भाषा और साहित्य पूरी तरह जानते थे। उन्होंने पांच वर्ष की उम्र में फारसी और उर्दू की शिक्षा मौलवी से ली। इसके बाद प्रारंभिक शिक्षा के लिए छपरा के जिला स्कूल गये। उनका विवाह मात्र 13 वर्ष की उम्र में राजवंशी देवी से हुआ। विवाह के बाद भी इन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। जिला स्कूल छपरा से 18 वर्ष की उम्र में उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा दी। प्रवेश परीक्षा में उन्होंने प्रथम स्थान लाया था। उन्होंने कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज में 1902 में दाखिला लिया। 1915 में उन्होंने स्वर्ण पद के साथ विधि और स्नातक की परीक्षा पास की। बाद में उन्होंने लॉ क्षेत्र में डॉक्टर की उपाधि भी हासिल की। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में उनका पदार्पण वकील के रूप में अपने कैरियर की शुरूआत करते ही हो गया था। राजेंद्र बाबू महात्मा गांधी की निष्ठा समर्पण एवं साहस से बहुत प्रभावित हुए। भारत के स्वतंत्र होने के बाद संविधान लागू होने पर उन्होंने देश के पहले राष्ट्रपति का पद संभाला। मौके पर विद्यालय के दर्जनों शिक्षक मौजूद थे।
----------------------
जयंती पर तैल चित्र पर किया गया पुष्पांजलि संवाद सूत्र, समेली (कटिहार): समेली प्रखंड के विभिन्न विद्यालयों में प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती के मौके पर तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित किया गया। इस दौरान मध्य विद्यालय मोहजान , मवि छोहार, मवि मलहरिया, मवि बखरीखरकट्टा, मवि खैरा, चकला खैरा, चकलामौलानगर, मवि खोटा, मवि नवाबगंज, चाँदपुर, विष्णुचक आदि जगहों पर उन्हें याद किया गया। इस मौके पर प्रधानाध्यापक अजय कुमार, ओमकारनाथ झा, केशव कुमार मंडल, विभूति भूषण, अरविन्द कुमार मंडल, ललिता कुमारी, बरूण कुमार यादव, मुकेश कुमार पासवान, संजीव कुमार आदि ने पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। प्रधानाध्यापक केशव कुमार मंडल ने कहा कि उनका जीवन सादगी एवं त्याग का प्रतीक था। उनकी कार्यकुशलता एवं शिक्षा के प्रति लगन तथा समर्पण का भाव हमें अपनाने की जरूरत है। प्रथम राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने अपनी सादगी तथा त्याग के कारण अलग पहचान बनाई। हमें उनके आदर्शों को अपनाने का संकल्प लेना चाहिए।