जलकर पर वर्चस्व को लेकर गरजती रही है बंदूकें
कटिहार। बरारी के गंगा दियारा इलाका में जिसकी लाठी उसकी भैस वाली कहावत दशकों से चि
कटिहार। बरारी के गंगा दियारा इलाका में जिसकी लाठी उसकी भैस वाली कहावत दशकों से चरितार्थ होती रही है। छह दिन पूर्व मछली मारने के विवाद और वर्चस्व की लड़ाई में अपराधियों द्वारा दो सगे भाई की हत्या भी उसी की एक कड़ी है। गत पांच वर्षों में इस तरह के विवाद में तकरीबन एक दर्जन हत्या की घटनाएं इस क्षेत्र में हो चुकी है।
गंगा का दियारा हो या इसका जल क्षेत्र अलग अलग टुकड़ों पर दावे को लेकर खूनी संघर्ष होता रहा है। बरारी के गुरमेला पंचायत के मौलनाचक निवासी राज कुमार चौधरी उर्फ बिदा व उसके भाई सरल चौधरी उर्फ ??सरला की हत्या भी इसी वर्चस्व को लेकर की गई है। घटना के आरोपित पूर्व में भी हत्या की वारदात को अंजाम दे चुका है। बता दें कि गंगा दियारा इलाका के जलस्तर में वृद्धि के साथ उसके छारण में जाल लगाने का मामला हो या फिर गंगा दियारा क्षेत्र से पानी उतरने के साथ काले सोने के नाम से प्रसिद्ध फसल के बोआई से कटाई तक का मामला, अपराधियों की गिद्ध ²ष्टि इस पर रहती है। वर्तमान में गंगा नदी के जलस्तर मे वृद्धि से इसके छारण में जाल लगाकर मछली मारने का क्रम लगातार तीन महीने तक जारी रहता है, इसके अलग अलग हिस्से में दावा व मछुआरों से लेवी वसूली को लेकर गिरोह की सक्रियता चरम पर रहती है। दियारा क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति इन गिरोहों के लिए वरदान साबित होता है। यद्यपि इस क्षेत्र में चार पुलिस कैंप भी स्थापित हैं लेकिन गंगा कोसी के जलस्तर मे वृद्धि और इसके तेज फैलाव से कैंप में पुलिस कर्मियों का रहना भी मुश्किल हो जाता है। इस स्थिति का अपराधी जमकर लाभ उठाते हैं।