फलका सीएचसी में चिकित्सकों का अभाव, नहीं है एक भी ड्रेसर

कटिहार। कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को लेकर राज्य सरकार व स्वास्थ्य महकमा हाई अलर्ट पर है। इसको लेकर फलका सीएचसी में भी तैयारी चल रही है। अस्पताल की पहली मंजिल के पुरूष वार्ड को कोविड वार्ड बनाया गया है। जहां 20 बेड और ऑक्सीजन मशीन के साथ अन्य सुविधाएं उपलब्ध है। करीब 200 सौ कोरोना किट और आवश्यक दवाई भी है। दवाई के साथ कोरोना जांच के लिए एंटीजन किट और आरटीपीसीआर की सुविधा उपलब्ध है लेकिन दुर्भाग्य यह भी है कि करीब डेढ़ लाख की आबादी को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने को लेकर स्थापित फलका प्रखंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में साढ़े तीन साल बाद भी यहां अभी तक पीएचसी की भी सुविधा उपलब्ध नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 09:41 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 09:41 PM (IST)
फलका सीएचसी में चिकित्सकों  का अभाव, नहीं है एक भी ड्रेसर
फलका सीएचसी में चिकित्सकों का अभाव, नहीं है एक भी ड्रेसर

कटिहार। कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को लेकर राज्य सरकार व स्वास्थ्य महकमा हाई अलर्ट पर है। इसको लेकर फलका सीएचसी में भी तैयारी चल रही है। अस्पताल की पहली मंजिल के पुरूष वार्ड को कोविड वार्ड बनाया गया है। जहां 20 बेड और ऑक्सीजन मशीन के साथ अन्य सुविधाएं उपलब्ध है। करीब 200 सौ कोरोना किट और आवश्यक दवाई भी है। दवाई के साथ कोरोना जांच के लिए एंटीजन किट और आरटीपीसीआर की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन दुर्भाग्य यह भी है कि करीब डेढ़ लाख की आबादी को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने को लेकर स्थापित फलका प्रखंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में साढ़े तीन साल बाद भी यहां अभी तक पीएचसी की भी सुविधा उपलब्ध नहीं है। अस्पताल में सुविधाओं का घोर अभाव है। इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों की कमी के साथ कंपाउंडर और ड्रेसर भी नसीब नहीं है। सामान्य से लेकर आपातकाल में यहां पुरुष कक्ष कर्मी से ड्रेसर का कार्य लिया जाता है। यही कारण है कि स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में अधिकतर मरीज सदर अस्पताल कटिहार रेफर कर दिए जाते हैं।

जिले में प्रथम स्थान

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हालांकि स्वास्थ्य महकमें में इस अस्पताल को राज्य में दसवां और जिले में प्रथम स्थान जरूर मिला है। जिला मुख्यालय से 31 किलोमीटर दूर प्रखंड मुख्यालय के समीप सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फलका में प्रखंड के तेरह पंचायत के करीब डेढ़ लाख की बड़ी आबादी के इलाज का जिम्मा है। लेकिन अस्पताल में चिकित्सक सहित स्वास्थ्य कर्मियों के कई पद वर्षों से खाली है। जिसके कारण लोगों को समुचित स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पा रही है।

चिकित्सक के 12 स्वीकृत पद में तीन कार्यरत

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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक का 12 स्वीकृत पद है। जिसमें एक चिकित्सा प्रभारी डॉ पीके सिंह के अलावा हाल में सविदा पर बहाल डॉ परवे•ा आलम एवं एक आयुष चिकित्सक हैं। यहां चिकित्सक के कुल नौ पद रिक्त हैं। जबकि ड्रेसर के सभी छह स्वीकृत पद वर्षों से खाली है। ओटी सहायक का भी छह स्वीकृत पद खाली है। इसके अलावा जीएनएम के 16 स्वीकृत पद में चार कार्यरत हैं। एक्स-रे टेक्नीशियन के तीन पद में एक, तीन फार्मासिस्ट में एक और लेब सहायक के चार पद में एक मात्र कार्यरत हैं।

इसी प्रकार लिपिक के चार पद पर दो, एएनएम के 45 स्वीकृत पद में 38 कार्यरत हैं। इतनी बड़ी आबादी में आज तक एक महिला चिकित्सक की बहाली नहीं हुई है। जबकि यहां प्रत्येक दिन महिलाएं प्रसव के लिए पहुंचती हैं। वैश्विक कोरोना महामारी के तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए क्षेत्रीय विधायक कविता पासवान ने अपने कोष से 23 पीस ऑक्सीजन कंसीटेंर दिया है। अस्पताल में पहले से छह ऑक्सीजन कंसीटेंर मशीन उपलब्ध था। अब कुल मिलाकर 29 ऑक्सीजन कंसीटेंर मशीन उपलब्ध है।

कहते हैं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी

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केंद्र के चिकित्सा प्रभारी डॉ पीके सिंह ने बताया कि इमरजेंसी आने पर इस अस्पताल में 50 कोविड मरीज का इलाज किया जा सकता है। कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को लेकर तैयारी युद्ध स्तर पर चल रही है। कोविड वार्ड बनाया गया है। जो स्वास्थ्य सुविधाओं से पूर्ण लेस है। 15 वें वित्त आयोग से प्रसव उपरांत कोविड पीड़ित महिलाओं को अलग रखने हेतु वार्ड बनाने की मांग की गई है। अस्पताल में दो एंबुलेंस है। जो जर्जर अवस्था में है। अस्पताल में बिजली की लो वॉल्टेज की समस्या रहती है। साथ ही चिकित्सक सहित अन्य खाली पदों पर बहाली को लेकर विभाग को लिखा गया है।

कहते हैं स्थानीय ग्रामीण

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वहीं स्थानीय ग्रामीण व जनप्रतिनिधि का कहना है कि चिकित्सकों की कमी के कारण यहां स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है। इमरजेंसी में सिर्फ यहां रोगी को रेफर कर दिया जाता है। फोर्थ ग्रेड कर्मचारी या फिर स्वीपर से ड्रेसर का काम लिया जाता है। ग्रामीणों का कहना था कि एएनएम और आशा के भरोसे अस्पताल चल रहा है। इसके अलावा फलका में अतिरिक्त तीन पीएचसी पोठिया ,रहटा और मोरसंडा में हैं। जहां एक भी चिकित्सक नहीं है। बल्कि एनएम के भरोसे तीनों अतिरिक्त पीएचसी चलता है।

कहती हैं विधायक: कोढ़ा विधायक कविता पासवान ने कहा कि फलका सीएचसी में चिकित्सकों की कमी को गंभीरता से लेकर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे से बात हुई है। बहुत जल्द यहां चिकित्सक पदस्थापित किए जाएंगे। साथ ही जो भी पद खाली है, उसके लिए भी सिविल सर्जन और जिला पदाधिकारी से बात करूंगी।

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