कटिहार में बाढ़ प्रभावित इलाकों में चिकित्सा सुविधा के लिए नौका क्लीनिक की रहेगी व्यवस्था

कटिहार [नीरज कुमार]। संभावित बाढ़ को लेकर प्रशासनिक स्तर से तैयारी जोर शोर से की जा रही है। बाढ़ प्र

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 07:29 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 07:29 PM (IST)
कटिहार में बाढ़ प्रभावित इलाकों में चिकित्सा सुविधा के लिए नौका क्लीनिक की रहेगी व्यवस्था
कटिहार में बाढ़ प्रभावित इलाकों में चिकित्सा सुविधा के लिए नौका क्लीनिक की रहेगी व्यवस्था

कटिहार [नीरज कुमार]। संभावित बाढ़ को लेकर प्रशासनिक स्तर से तैयारी जोर शोर से की जा रही है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने एवं गंभीर रूप से बीमार लोगों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र व अस्पताल तक लाए जाने के लिए नौका क्लीनिक की व्यवस्था की जाएगी। नौका क्लिनिक के माध्यम से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को कोरोना का टीका भी दिया जाएगा। तत्काल दो बोट एम्बुलेंस को तैयार किए जाने का निर्देश दिया गया है। बाढ़ से संबसे अधिक प्रभावित होने वाले नौ प्रखंडों में बोट एम्बुलेंस तैनात किया जाएगा। सबसे पहले बाढ़ बारसोई अनुमंल क्षेत्र को अपनी चपेट में लेता है। इसको देखते हुए बारसोई में इस माह के अंत तक ही बोट एम्बुलेंस उपलब्ध कराने को कहा गया है। बोट एम्बुलेंस में स्ट्रेचर भी लगा होगा। बोट एम्बुलेंस पर एक चिकित्सक, दो एएनएम एवं पारा मेडिकल स्टाफ को प्रतिनियुक्त किया जाएगा। बाढ़ प्रभावित इलाकों में सामान्य बीमारियों की जांच के साथ ही दवा भी उपलब्ध कराई जाएगी। बाढ़ आने की स्थिति में कई पंचायतों में आवागमन ठप होने से सबसे अधिक परेशानी गर्भवती को होती है। कई बार अस्पताल लाने के दौरान नाव में ही प्रसव होने तथा समय पर चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाने के कारण जच्चा, बच्चा की मौत होने की बात भी सामने आ चुकी है। इसको देखते हुए इस बार आइसीडीएस के माध्यम से प्रभावित इलाकों की गर्भवती का सर्वे करा सूची तैयार की गई है।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 17 हजार गर्भवतियों की सूची तैयार

बाल विकास परियोजना के माध्यम से जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्ररें में जून से अक्टूबर माह तक प्रसव तिथि वाली महिलाओं का सर्वे किया गया। सर्वे के आधार पर ऐसी 17 हजार महिलाओं की सूची तैयार की गई है। सूचीबद्ध महिलाओं को बाढ़ आने की स्थिति में सुरक्षित प्रसव के लिए ऊंचे स्थानों या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र व अस्पतालों में रखा जाएगा। गर्भवती को प्रभावित क्षेत्रों से निकाल सुरक्षित प्रसव की व्यवस्था विभागीय स्तर से कराई जाएगी। आश्रय स्थल में होगी थर्मल स्क्रीनिग व एंटीजन जांच

बाढ़ आश्रय स्थल में आने वाले प्रभावित लोगों का राहत केंद्र के प्रवेश द्वार पर ही थर्मल स्क्रीनिग एवं एंटीजन जांच कराई जाएगी। कोरोना से संदिग्ध लक्षण पाए जाने पर संबंधित लोगों को आश्रय स्थल के समीप ही क्वारंटाइन किया जाएगा। गंभीर लक्षण के मरीजों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल में रखा जाएगा। नौ प्रखंड में बाढ़ हर साल मचाती है तबाही

प्रशासनिक रिपोर्ट में जिले के सभी 16 प्रखंडों के 238 पंचायत को बाढ़ प्रभावित श्रेणी में रखा गया है। लेकिन नौ प्रखंडों में हर साल बाढ़ आने पर भारी तबाही मचती है। मनिहारी, अमदाबाद, बारसोई, बलरामपुर, कदवा, आजमनगर, प्राणपुर, बरारी, फलका सहित नौ प्रखंड में बाढ़ से बड़ी आबादी प्रभावित होती है। वर्ष 2017 में आई भीषण बाढ़ से जिले का सभी 16 प्रखंड अधिक या आंशिक रूप से प्रभावित हुआ था। नाव की कराई जा रही मरम्मत

बाढ़ के दौरान प्रभावित इलाकों में आवागमन की सुविधा एवं राहत कार्य के लिए नाव की जरूरत है। जिले में सरकारी नाव की संख्या 250 है। जिसमें 197 परिचालन योग्य तथा 53 को परिरचालन के लिए मरम्मत की जरूरत है। इसके अतिरिक्त 371 निजी नावों से भी एकरारनामा किया गया है। 53 सरकारी नाव की मरम्मत के लिए राशि का आवंटन कर दिया गया है। विभागीय जानकारी के मुताबिक सरकारी नावों की मरम्मत का काम भी लगभग पूरा हो चुका है। नाव पर भार क्षमता एवं निशुल्क सेवा संबंधी सूचना अंकित कराए जाने का काम किया जा रहा है। 2017 में आई बाढ़ में करीब छह लाख आबादी हुई थी प्रभावित

वर्ष 2017 में आई भीषण बाढ़ में जिले की करीब छह लाख् आबादी प्रभावित हुई थी। कई स्थानों तटबंध क्षतिग्रस्त होने एवं सीपेज के कारण भारी तबाही मची थी। महानंदा नदी की बाढ् से बारसोई अनुमंडल क्षेत्र में भारी तबाही हुई थी। सड़क व पुल पुलिया ध्वस्त होने से आवागमन अवरूद्ध होने से राहत एवं बचाव कार्य पर भी प्रभावित हुआ था। बाढ़ में ध्वस्त कई सड़क व पुल पुलियों की मरम्मत चार वर्ष बाद भी नहीं हो पाई है। कोट:

संभावित बाढ़ को देखते हुए प्रशासनिक स्तर से तैयारी अ्रंतिम चरण में है। प्रभावित इलाकों में बोट एम्बुलेंस से लोगों को चिकित्सा सुविधा मुहैयार कराई जाएगी। जून से अक्ब्टूबर माह के बीच प्रसव तिथि की गर्भवती की सूची आइसीडीएस के माध्यम से तैयार करा ली गई है। इन महिलाओं को बाढ्ग्रस्त इलाकों से पिक कर उंचे स्थान या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र लाया जाएगा। आश्रय स्थल में भी कोरोना प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए सभी व्यवस्था किए जाने का निर्देश दिया गया है।

उदयन मिश्रा, जिलाधिकारी, कटिहार।

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