महानगरों तक पहुंच रही है पंचायत चुनाव की धमक

संवाद सूत्र बारसोई (कटिहार) पंचायत चुनाव भले ही गांवों में हो रहे हैं। लेकिन इसकी धमक दूरदराज नगरों महानगरों में भी सुनाई दे रही है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 11:27 PM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 11:27 PM (IST)
महानगरों तक पहुंच रही है पंचायत चुनाव की धमक
महानगरों तक पहुंच रही है पंचायत चुनाव की धमक

संवाद सूत्र, बारसोई (कटिहार): पंचायत चुनाव भले ही गांवों में हो रहे हैं। लेकिन इसकी धमक दूरदराज नगरों, महानगरों में भी सुनाई दे रही है। वहां भी प्रवासी मजदूर अपनी बस्तियों और आसपास के चाय पान की दुकानों पर पंचायत चुनाव की चर्चाएं करते हैं। बता दें कि बारसोई अनुमंडल से बड़ी संख्या में युवक परदेस में काम करते हैं और अधिकतर लोग झूंड में रहते हैं। कहीं-कहीं तो इन लोगों की बस्तियां भी बसी होती है। जहां एक ही पंचायत या फिर प्रखंड और अनुमंडल के लोग साथ ही आस-पास में रहते हैं। वहीं चुनाव की सरगर्मी तेज होते ही शहरों में भी चुनाव को लेकर चर्चाएं आरंभ हो जाती है। क्योंकि मुखिया, सरपंच, जिला परिषद या फिर पंचायत समिति जैसे पद के प्रत्याशी परदेस में रहने वाले प्रत्याशियों को रिझाने के लिए तरह-तरह का प्रलोभन देने, उन्हें याद करके उनके प्रति अपनापन दिखाने और स्वयं को उनका शुभचितक जताने में पीछे नहीं रह रहे हैं।

मिली जानकारी के अनुसार अपने गांव और पंचायत के लोगों को मतदान में भाग लेने और अपने पक्ष में मतदान करवाने के लिए आने-जाने का ट्रेन टिकट भी बुक कराया जा रहा है। ताकि अधिक से अधिक परदेशियों का वोट मिल सके। चाय की दुकान पर चर्चा करते नजर आए पूछने पर मु. मुजम्मिल और मु शरीफ में बताया कि क्या करें भैया हाल ही में पर्व मना कर गए थे। लेकिन पंचायत चुनाव में अपने हित, अपेक्षित एवं शुभचितकों के बुलावे पर वोट डालने आए हैं। हमारे कुछ वोट से यदि अपनों की जीत हो जाती है, तो इतना कर ही सकते हैं।

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