कोई कह रहा हंगामा खड़ा करना मकसद नहीं, किसी का नारा नाम नहीं काम बोलता है..

कटिहार। प्रखंड के पांच पंचायतों में पंचायत चुनाव को लेकर नामांकन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद नाम निर्देशन पत्र की संवीक्षा के बाद प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न आवंटित कर दिया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 10:07 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 10:07 PM (IST)
कोई कह रहा हंगामा खड़ा करना मकसद नहीं, किसी का नारा नाम नहीं काम बोलता है..
कोई कह रहा हंगामा खड़ा करना मकसद नहीं, किसी का नारा नाम नहीं काम बोलता है..

कटिहार। प्रखंड के पांच पंचायतों में पंचायत चुनाव को लेकर नामांकन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद नाम निर्देशन पत्र की संवीक्षा के बाद प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न आवंटित कर दिया गया है। दूसरे चरण में 29 सितंबर को मतदान होना है। मतदान की तिथि नजदीक आते ही राजनीतिक पारा चरम पर पहुंचने लगा है। गांव की चौपाल, दलान तथा खेत ,खलिआन तक चुनावी चर्चा से गुनलजार होने लगा है। खेतों में काम करने वाले खेतिहर मजदूर तक प्रत्याशियों की जीत हार का कयास अभी से लगाने लगे हैं। कोई विकास तो कोई जातिगत आधार पर जीत हार की भविष्यवाणी कर रहे हैं। चुनाव के बाद जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा यह तो मतगणना के बाद भी पता चल पाएगा। गांव की चौपालों पर प्रत्याशियों के वायदे को भी ग्रामीण राजनीतिक चर्चा के बीच तौलने का काम कर रहे हैं। गांवों में चुनाव प्रचार भी प्रत्याशियों ने तेज कर दिया है। .सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, मेरी कोशिश है। कि ये सूरत बदलनी चाहिए.जैसी पंक्तियों को भी प्रत्याशी अपने चुनाव प्रचार का हथियार बना रहे हैं। किसी का नारा नाम नहीं, काम बोलता है। जिला परिषद, मुखिया, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य, वार्ड सदस्य तथा पंच पद के प्रत्याशी वोटरों को गोलबंद करने में रात दिन एक कर रहे हैं। कोई अपने को गांव के विकास का नया सूरज कह रहा है। तो कोई दुख-सुख का साथी बताकर वोटरों का दिल जीतने की कोशिश कर रहा है। प्रचार सामग्री की दुकानें भी सजने लगी हैं। चुनाव निशान के साथ समर्थक अलग अंदाज में प्रचार कर रहे हैं। पंचायत चुनाव को लेकर युवाओ में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है।

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