किसानों को नहीं भा रही गेहूं की खेती, मक्के पर जोर
फोटो-17 केएटी-5 - उत्पादन कम होने के कारण गेहूं की खेती से विमुख हो रहे किसान संव
फोटो-17 केएटी-5
- उत्पादन कम होने के कारण गेहूं की खेती से विमुख हो रहे किसान
संवाद सूत्र, आजमनगर (कटिहार) : कभी रबी की मुख्य फसल मानी जाने वाली गेहूं की खेती से किसानों का मोह भंग हो रहा है। लागत के अनुरूप उत्पादन नहीं मिलने के कारण किसान गेहूं की खेती से तौबा करने लगे हैं। यद्यपि गेहूं की खेती को बढ़ावा देने को लेकर जिरो टिलेज तकनीक सहित वैज्ञानिक पद्धति अपनाने को लेकर किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। लेकिन किसान मक्के की खेती की ओर रूख कर रहे हैं। क्षेत्र में मक्के की खेती नकदी फसल के तौर पर की जा रही है।
मक्के की फसल में बेहतर उत्पादन और मुनाफा मिलने के कारण इसका रकवा लगातार बढ़ रहा है। लेकिन गेहूं का उत्पादन कम होने के कारण पशुचारा की भी किल्लत बरकरार है। जबकि गेहूं की खेती महज नीजी उपयोग लायक फसल उत्पादन के लिए ही किया जा रहा है। जिलो टिलेज तकनीक के कारण किसानों को प्रोत्साहित करने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है, लेकिन किसानों को मक्के की खेती भा रही है। उत्पादन के साथ बेहतर बाजार मूल्य मिलने के कारण इसका रकवा जहां बढ़ रहा है। वहीं गेहूं की फसल ढूंढ़े मिल रही है। गत वर्ष भूसे की किल्लत के कारण पशुचारा की समस्या हुई थी। इस बार भी गेहूं का रकवा कम रहने के कारण पशुपालकों को ¨चता सताने लगी है।