रंग लाई मिहनत, महानंदा की रेत पर लहलहा रही फसलें

- बाढ़ के बाद सैकड़ों एकड़ में फैली थी रेत की चादर - किसानों ने जितोर मिहनत कर र

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Nov 2018 01:37 AM (IST) Updated:Tue, 20 Nov 2018 01:37 AM (IST)
रंग लाई मिहनत, महानंदा की रेत पर लहलहा रही फसलें
रंग लाई मिहनत, महानंदा की रेत पर लहलहा रही फसलें

- बाढ़ के बाद सैकड़ों एकड़ में फैली थी रेत की चादर

- किसानों ने जितोर मिहनत कर रेत पर उगा रहे सोना

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संवाद सूत्र, प्राणपुर (कटिहार) : हौसले बुलंद हो तो मुश्किल राह भी आसान बनती है। यह कर दिखाय है प्राणपुर प्रखंड के दियारा के किसानों ने। बाढ़ के बाद दियार क्षेत्र के सैकड़ों एकड़ उपजाऊ भूमि पर रेत की चादर बिछ जाने के कारण किसानों के अरमानों पर पानी फिर गया था। लेकिन किसानों ने हिम्मत नहीं हारी और पूरी लगन और मिहनत के साथ ही फिर से भूमि को खेती योग्य बनाने का जितोर प्रयास किया। बालू की चादर बिछने के बाद किसानों ने परंपरागत खेती के बदते किसानी का ट्रेंड बदला और बालू वाली जमीन पर उगने वाली फसलों को लगाना शुरू किया। उनके प्रयास से आज दियारा की जमीन पर फसलें लहलहा रही है।

किसान दियारा की जमीन पर मक्का, परवल, करेला सहित मौसमी सब्जियों की खेती कर किसान बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं। किसान मु. तैमुर, मु. सबीर, मु. इलियास, मु. लड्डू, मु. तबारक, मु. काबीर, देवन मंडल, शमशूल ह़क, मु. इस्लाम, मु. मोजिम सहित अन्य किसानों ने कहा कि बाढ़ के कारण रेत बिछने से उनकी परेशानी चरम पर थी। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं छोड़ी और खेत को उपजने लायक बनाया। मिट्टी के अनुरूप फसल का चयन कर उन्होंने किसानी शुरू की और यह उनके लिए बेहतर साबित हो रहा है।

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