कैमूर में खाद के लिए पुरुष की जगह लाइन में लग रहीं महिलाएं

बाजार से लेकर बिस्कोमान केंद्र पर यूरिया खाद के लिए दूसरे दिन मंगलवार को भी किसानों की लाइन लगी रही।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Aug 2021 11:25 PM (IST) Updated:Tue, 24 Aug 2021 11:25 PM (IST)
कैमूर में खाद के लिए पुरुष की जगह लाइन में लग रहीं महिलाएं
कैमूर में खाद के लिए पुरुष की जगह लाइन में लग रहीं महिलाएं

कैमूर। बाजार से लेकर बिस्कोमान केंद्र पर यूरिया खाद के लिए दूसरे दिन मंगलवार को भी किसानों की लाइन लगी रही। इस बार पहले खाद पाने के लिए किसान के रूप में महिलाएं खाद लेने पहुंच रही हैं। खाद की चाहत में वे बिस्कोमान केंद्र से लेकर बाजार के खाद विक्रेता के यहां पहुंच रही हैं। धान के पौधे तैयार होने के साथ यूरिया खाद की जरूरत होने को लेकर दो दिनों तक किसानों में मारामारी की नौबत हो गई थी। लेकिन बाजार में भी खाद सरकारी दर पर उपलब्ध होने से किसानों ने राहत की सांस ली। मंगलवार को बाजार के दो जगह आइसी टीबीटी केंद्र बंदीपुर तथा ब्रजेश खाद भंडार पर यूरिया खाद का वितरण हो रहा था।

किसानों ने बताया कि यूरिया खाद जरूरत के हिसाब से अभी भले ही नहीं मिल रही हैं लेकिन स्थिति खाद लेने के लिए नहीं था। बिस्कोमान केंद्र पर एक आधार कार्ड पर 6 बोरी तो बाजार में एक आधार कार्ड पर 5 बोरी अधिकतम यूरिया खाद दी जा रही थी। फिर भी किसानों को मन मुताबिक यूरिया खाद नहीं मिलने से उनमें शासन प्रशासन के प्रति निराशा का भाव देखा गया। हालांकि खाद विक्रेता यूरिया की कमी नहीं होने का दावा कर रहे हैं। धान के टाप ड्रेसिग के समय यूरिया खाद की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में नहीं होने से प्रशासन के दावे पर ऊंगली उठना स्वाभाविक है।

कृषि विभाग के अधिकारी भी घूम घूम कर यूरिया खाद की उपलब्धता की जानकारी लेते हैं। फिर भी खाद की किल्लत न जाने क्यों हो रही है। बाजार में यूरिया खाद के साथ डीएपी लेने की शर्त मंगलवार को नहीं देखी गई। कुछ किसानों ने बताया कि बाजार में कुछ जगहों पर खाद यूरिया लोग दे रहे हैं। लेकिन वे जितनी यूरिया चाहिए उतनी नहीं मिल रही थी, अक्सर खरीफ फसल के समय ऐसी स्थिति किसानों के साथ होती है। व्यापारियों के लिए क्यों नहीं। व्यापारी माल दबाकर नहीं रखता तो खाद के लिए किसानों के साथ महिलाओं को क्यों लगना पड़ता यह सोचने का विषय है।

क्या कहते हैं किसान

फोटो नंबर- 05

महेंद्र तिवारी, पनसेरवां : एक तो बाढ़ से हमलोग परेशान हैं। दूसरे बचे हुए धान के पौधे में यूरिया खाद को डालने की चिता सता रही है। खाद के लिए तीन दिन से बाजार आ रहे हैं। चौथे दिन बिस्कोमान केंद्र पर खाद लाइन में लगने के बाद मिली।

फोटो नंबर- 06

अजय सिंह, भोखरी: बड़ी मशक्कत के बाद भी यूरिया खाद मिल नहीं रही है। इसके लिए रामगढ़ भाग के सुबह ही लाइन में लग गए थे। खाद की जरूरत 10 बोरी यूरिया की है। खाद मिल रही है 6 बोरी। बाजार में खाद यूरिया नहीं मिल रही

फोटो नंबर- 07

डब्बू तिवारी, गोड़सरा: धूप के चलते लाइन में लगने पर हालत भी खराब हो रही है। यूरिया खाद पाने के लिए दो तीन घंटा लाइन में लगना पड़ रहा है। जिससे किसानों को परेशानी हो रही है। सरकार को चाहिए ससमय खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करे। ताकि किसान गोदाम पर खाद के लिए पहुंचे तो उसे आसानी से खाद मिल जाय।

फोटो नंबर- 08

नंद कुमार तिवारी, पनसेरवां: खेती के समय पर्याप्त खाद का नहीं मिलना गंभीर मामला है। सरकारी दर पर खाद देने में दुकानदार आनाकानी कर रहे हैं। इसलिए यूरिया खाद को लेकर लोग समस्या बना रहे हैं। खाद हमको भी सरकारी दर पांच बोरी मिली।

क्या कहते हैं खाद के विक्रेता:

अशोक कुमार ने बताया कि बिस्कोमान केंद्र को जितनी यूरिया खाद मिली है उतनी ही खाद बाजार के दो विक्रेताओं को भी मिली है। हमारे समझ से अब यूरिया खाद की समस्या नहीं रहेगी। ----- इनसेट

किसानों की समस्या के समाधान को कोषांग का हुआ गठन

जासं, भभुआ: डीएम के निर्देश पर कृषि विभाग द्वारा किसानों की समस्या को लेकर कोषांग का गठन किया गया है। साथ ही समस्याओं की जानकारी लेने के लिए नंबर भी जारी किया गया है। यह कोषांग दस बजे से लेकर पांच बजे तक किसानों की समस्या सुन कर समाधान कर रहा है।

कोषांग में सहायक कृषि पदाधिकारी

वनस्पति वेद प्रकाश 9779015302, राकेश कुमार 9304207997, मो. कैफ आलम 9110154435 को शामिल

किया गया है। बता दें कि जिले में बीते सोमवार से यूरिया का वितरण शुरू होने के बाद पदाधिकारी लगातार केंद्रों का जायजा ले रहे हैं।

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