कृषि कार्य के लिए ट्रैक्टर का निबंधन, हो रहा रहा व्यावसायिक उपयोग
परिवहन विभाग में कृषि कार्य हेतु निबंधित ट्रैक्टरों का धड़ल्ले से व्यावसायिक उपयोग जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में किया जा रहा है।
कैमूर। परिवहन विभाग में कृषि कार्य हेतु निबंधित ट्रैक्टरों का धड़ल्ले से व्यावसायिक उपयोग जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में किया जा रहा है। इससे वाहन स्वामी प्रतिवर्ष परिवहन विभाग को राजस्व का चूना लगा रहे हैं। वहीं वाहन स्वामी टैक्स की चोरी कर अपनी जेबों को मालामाल करने में जुटे हुए हैं।
कृषि कार्य के लिए निबंधित ट्रैक्टरों से धड़ल्ले से ईंट बालू की ढ़ुलाई की जा रही है।
परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कैमूर जिले में कृषि कार्य के लिए 2178 जबकि व्यासायिक कार्य के लिए 3225 ट्रैक्टरों का निबंधन किया गया है। कृषि कार्य के लिए निबंधित ट्रैक्टरों को पांच हजार एक वर्ष के लिए एकमुश्त राशि जमा करनी होती है। वहीं व्यावसायिक ट्रैक्टरों के लिए एक वर्ष के लिए 25,000 रुपये की राशि जमा करने का निर्देश है। एग्रीकल्चर के अंतर्गत तीन टन का भार लाने ले जाने पर पांच हजार, वहीं एक टन के वजन के भार पर तीन हजार रुपये शुल्क जमा करने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही यह अनिवार्य है कि कृषि कार्य में निबंधित ट्रैक्टर का उपयोग कृषि कार्य में ही किया जाएगा। व्यावसायिक कार्य में किए जाने पर नियमानुकूल कार्रवाई किए जाने का भी प्रावधान है। लेकिन जिले में यह देखने में आ रहा है कि जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश कृषि कार्य के लिए निबंधित ट्रैक्टरों पर व्यावसायिक कार्य का उपयोग कर राजस्व की चोरी की जा रही है । ट्रैक्टर स्वामी राजस्व की चोरी कर मालामाल हो रहे हैं। परिवहन विभाग को प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये राजस्व का चूना लग रहा है। वर्जन
राजस्व चोरी करने वाले ट्रैक्टर स्वामियों की जांच के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। पकड़े जाने पर उनके विरुद्ध नियमानुकूल कार्रवाई करते हुए अर्थदंड लगाया जाएगा। जिले में लगातार अभियान चलाकर वाहनों की जांच की जा रही है।
-रामबाबू, डीटीओ, कैमूर