नुआंव में दिन के एक बजे तक टीकाकरण प्रारंभ नहीं हो सका

भारत सरकार ने एक मई से 18 से 44 वर्ष के लोगों के बीच टीकाकरण की घोषणा की थी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 04:34 PM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 04:34 PM (IST)
नुआंव में दिन के एक बजे तक 
टीकाकरण प्रारंभ नहीं हो सका
नुआंव में दिन के एक बजे तक टीकाकरण प्रारंभ नहीं हो सका

कैमूर। भारत सरकार ने एक मई से 18 से 44 वर्ष के लोगों के बीच टीकाकरण की घोषणा की थी। इसके लिए 28 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन प्रारंभ हुआ। लेकिन टीके की कम उपलब्धता का हवाला देते हुए बिहार में टीकाकरण प्रारंभ नहीं हो सका। इसी बीच केंद्र सरकार से टीके की अतिरिक्त डोज मिलने के बाद बिहार सरकार ने नौ मई से उक्त आयु वर्ग के लोगों को टीका लगाने की घोषणा की। पहले से रजिस्ट्रेशन कराए लोगों ने शनिवार को जिले के उपलब्ध टीकाकरण केंद्र पर अपना स्लॉट बुक कर दिया। नुआंव पीएचसी पर कुल 100 लोगों (18 से 44 आयु वर्ग) का टीकाकरण होना था, लेकिन अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की वजह से दिन के एक बजे तक टीकाकरण प्रारंभ नहीं हो सका। प्रबंधन की लापरवाही का आलम था कि यहां कर्मियों को पता हीं नहीं था कि आज टीकाकरण होना है। अस्पताल में कर्मियों की उपस्थिति न के बराबर थी। प्रबंधक, प्रभारी और डाटा ऑपरेटर नहीं थे, केवल आकस्मिक सेवा के लिए कुछ कर्मी उपस्थित थे। जब पीएचसी पर लोगों की भीड़ होने लगी तब कर्मियों को जानकारी हुई कि आज यहां भी टीकाकरण होना है। धीरे धीरे 11 बजे के बाद कुछ कर्मियों का आगमन पीएचसी के परिसर में हुआ। आनन फानन में एक टीम को टीके की खेप लेने के लिए भभुआ भेजा गया। लोगों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए अस्पताल पर उपस्थित कर्मचारी लोगों को आश्वासन देते रहे कि जल्द हीं टीका लेकर गाड़ी पहुंचने वाली है। कई लोगों को सोमवार को आने को बोला गया। इससे दर्जनों लोग अस्पताल प्रबंधन को कोसते हुए वापस घर लौट आए जो लोग नजदीक के थे या जो लोग रुक गए उनका टीकाकरण 1:30 के बाद प्रारंभ हुआ।

45 वर्ष से ऊपर के लोगों के टीके की डोज अस्पताल पर उपलब्ध

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रामकृष्ण सिंह ने कहा कि 45 वर्ष से ऊपर के लोगों के टीके की डोज अस्पताल पर उपलब्ध है। लेकिन प्रभारी प्रबंधक द्वारा कहा गया कि यह टीका 18 से 44 वर्ष के लोगों को नहीं दिया जा सकता। क्योंकि इसका बैच नंबर अलग है। जब तक इस आयु वर्ग के लोगों के लिए अलॉट टीका जिला से उपलब्ध नहीं हो जाता तब तक उन्हें देना संभव नहीं है। इसी तरह 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के चार व्यक्ति टीका लेने पीएचसी पर पहुंचे थे। लेकिन इनको भी टीका खबर लिखे जाने तक नहीं दिया गया था। इनके संबंध में बताया गया कि एक वायल में दस लोगों की डोज होती है। वायल को एक बार खुलने के बाद अधिकतम चार घंटे तक ही उपयोग में लाया जा सकता है। यदि इनको टीका दे दिया जाए और समय रहते और लोग नहीं आए तो टीके की डोज बेकार हो जाएगी।

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