पदाधिकारियों की टीम ने की ताल के मिट्टी निकासी की जांच

कैमूर। स्थानीय प्रखंड के घेघियां मौजा में सरकारी ताल से काफी मात्रा मिट्टी निकासी मामले की सोमवार को स्थल जांच हुई। जांच दल में कैमूर के एडीएम संजय कुमार मोहनियां की एसडीएम अमृषा बैंस व डीसीएलआर राजेश कुमार सिंह शामिल थे। पदाधिकारियों का दल घेघियां पहुंच कर सरकारी ताल का जायजा लिया। जहां से एनएच 30 को फोर लेन बनाने वाली कंपनी ने काफी मात्रा में मिट्टी की निकासी की है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 01 Jun 2021 11:37 PM (IST) Updated:Tue, 01 Jun 2021 11:37 PM (IST)
पदाधिकारियों की टीम ने की ताल के मिट्टी निकासी की जांच
पदाधिकारियों की टीम ने की ताल के मिट्टी निकासी की जांच

कैमूर। स्थानीय प्रखंड के घेघियां मौजा में सरकारी ताल से काफी मात्रा मिट्टी निकासी मामले की सोमवार को स्थल जांच हुई। जांच दल में कैमूर के एडीएम संजय कुमार, मोहनियां की एसडीएम अमृषा बैंस व डीसीएलआर राजेश कुमार सिंह शामिल थे। पदाधिकारियों का दल घेघियां पहुंच कर सरकारी ताल का जायजा लिया। जहां से एनएच 30 को फोर लेन बनाने वाली कंपनी ने काफी मात्रा में मिट्टी की निकासी की है। एक सप्ताह पूर्व क्षेत्र भ्रमण के दौरान डीसीएलआर की ताल पर नजर पड़ी। जिसमें से जेसीबी से मिट्टी खुदाई हो रही थी। डंफर से मिट्टी को एनएच 30 पर पहुंचाया जा रहा था। पूछने पर संवेदक ने डीसीएलआर को मत्स्य जीवी सहयोग समिति लिमिटेड के मंत्री मुन्ना चौधरी का पत्र दिखाया। जिसमें ताल की मिट्टी खुदाई करने की बात लिखी गयी थी। डीसीएलआर ने इसे मिट्टी घोटाला करार देते हुए कैमूर के डीएम को मामले से अवगत कराया। डीएम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया। जिसमें उक्त पदाधिकारी शामिल हैं। सोमवार की देर शाम को पदाधिकारियों ने स्थल पर पहुंचकर मिट्टी घोटाला की जांच की। इस संबंध में पूछे जाने पर डीसीएलआर ने बताया कि पदाधिकारी अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंपेंगे। इसके बाद उनके निर्देश पर अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी।

बता दें जिला प्रशासन ने सरकारी भूमि पर मिट्टी की खुदाई करने वालों पर नजर रखने की कवायद शुरू कर दी है। जिलाधिकारी के निर्देश पर सभी प्रखंड क्षेत्रों में ऐसे मामलों पर नजर रखी जा रही है। पदाधिकारियों द्वारा सूचना मिलने पर स्थलीय जांच की जाएगी।

chat bot
आपका साथी