बच्चों में होने वाली अनुवांशिक बीमारी है थैलीसीमिया

बच्चों में होने वाली थैलीसीमिया बीमारी अनुवांशिक है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 23 May 2021 04:28 PM (IST) Updated:Sun, 23 May 2021 05:51 PM (IST)
बच्चों में होने वाली अनुवांशिक बीमारी है थैलीसीमिया
बच्चों में होने वाली अनुवांशिक बीमारी है थैलीसीमिया

कैमूर। बच्चों में होने वाली थैलीसीमिया बीमारी अनुवांशिक है। माता- पिता के माध्यम से बच्चों में प्रवेश करता है। इससें ब्ल्ड बनाने वाले डीएनए में परिवर्तन हो जाने से आक्सीजन में सहायक व ब्लड बनाने में सहायक सेल प्रभावित हो जाते है। इससे हेमोग्लाबीन बनने की प्रक्रिया बाधित होने लगती है। इस रोग के चलते स्वस्थ रहने के लिए 14 फीसदी रहने वाले हेमोग्लाबीन की मात्रा घटने लगती है। यह औसतन आठ व नौ तक तो सामान्य माना जाता है लेकिन पांच व छह की स्थिति में पहुंचने पर यह खतरनाक होकर जानलेवा भी साबित हो जाता है। क्योंकि इसके कम होने से आक्सीजन की मात्रा घटने लगती है जो जीवन के लिए अनिवार्य है। इसकी पुष्टि सदर अस्पताल के वरीय चिकित्सक डॉ विनय कुमार तिवारी ने की।

जिले में थैलीसीमिया की स्थिति :

जिले मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में खून कम होने की शिकायत वाली अधिकांश गर्भवती महिलाएं आती हैं जिन्हें ब्लड चढाया जाता है। लेकिन थैलीसिमिया रोग से संबंधित कोई बच्चा रोगी नहीं आया है। बीते एक वर्ष से अब तक इस रोग से किसी भी बच्चे की मौत नहीं हुई है। इसकी पुष्टि सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ विनोद कुमार ने की।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में ए पाजिटिव, बी पाजिटिव, ओ पाजिटिव एबी माइनस कुल 26 यूनिट ब्लड उपलब्ध है। उधर सदर अस्पताल में नवजातों के इलाज के लिए बने एसएनसीयू के नोडल पदाधिकारी डॉ माहतांब खां ने भी थैलीसीमिया रोग से किसी बच्चें की मौत होने की पुष्टि नही की है।

जिले में ब्लड डोनर या थैलेसेमिया क्लब की स्थिति

जिले में कोई ब्लड डोनर व थैलेसीमिया सोसाइटी नहीं है। सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक अपने या रेडक्रास सोसाईटी के ब्लड शिविर आमजन द्वारा दिए गए रक्त के सहारे चल रहा है। बीते वर्ष 2020 के मार्च महीने के प्रथम सप्ताह में मोहनियां में लगे ब्लड बैंक के कैंप में 26 यूनिट ब्लड मिला था। इससे पूर्व वर्ष 2019-20 में सदर अस्पताल में लगे दो व कचहरी में लगे रेडक्रास के एक शिविर में 120 यूनिट ब्लड लोगों दान दिया था। इसकी पुष्टि रेडक्रास के सचिव पी.के. मिश्रा ने की।

इसी दौरान पूर्व निवर्तमान एसपी दिलनवाज अहमद के नेतृत्व में भी पुलिस लाइन में ब्लड कैंप लगा था जिसमें डेढ़ दर्जन से अधिक जवानों ने स्वेच्छा से रक्तदान किया था। इसी के आसपास वरीय उपसमाहर्ता सह तत्कालीन प्रभारी डीटीओं प्रभात कुमार झा ने सदर अस्पताल में ब्लड बैंक में विभागीय शिविर लगाकर स्वयं के साथ-साथ विभाग के लगभग दस कर्मियों से से रक्तदान करने में सहयोग लिया था। शिविर समय-समय पर भाजपा व अन्य दल के लोग दल के अवसर विशेष पर सदर अस्पताल में शिविर का आयोजन कर रक्तदान करते रहते है।

वर्जन

बीते एक वर्ष से लेकर अबतक किसी बच्चे की थैलीसीमिया रोग से मरने से इन्कार करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के खत्म होने के बाद ब्लड बैंक के माध्यम से रक्त दान शिविर का आयोजन कराया जाएगा। इसमें सबसे सहयोग लिया जाएगा।

-डॉ. मीना कुमारी, एसीएमओं सह प्रभारी सिविल सर्जन।

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