कैमूर में छात्रों ने बीआरसी पर किया हंगामा

नुआंव प्रखंड के उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय पुरानी कोट सातो अवंती के छात्रों ने शुक्रवार को बीआरसी कार्यालय पहुंच कर जमकर बवाल काटा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 11:49 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 11:49 PM (IST)
कैमूर में छात्रों ने बीआरसी पर किया हंगामा
कैमूर में छात्रों ने बीआरसी पर किया हंगामा

कैमूर। नुआंव प्रखंड के उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय पुरानी कोट सातो अवंती के छात्रों ने शुक्रवार को बीआरसी कार्यालय पहुंच कर जमकर बवाल काटा। छात्रों के द्वारा विद्यालय के शिक्षक और प्रधानाध्यापक पर अवैध वसूली तथा मारपीट कर विद्यालय से भगाने का आरोप लगाया गया।

छात्रों ने बताया कि हमलोगों से 300 रुपये प्रति छात्र विद्यालय विकास के नाम पर लिया जाता है। उस पैसे से एक प्राइवेट शिक्षक को पढ़ाने के लिए रखा गया है। जिस शिक्षक को रखा गया है उनमें योग्यता का अभाव है। कुछ भी पूछने पर कहते हैं कि मैं नहीं जानता। जब इसकी शिकायत प्रधानाध्यापक अमर नाथ राय से करते हैं तो उनके द्वारा कहा जाता है कि जैसे पढ़ा रहे हैं और जो पढ़ा रहे हैं पढ़ो। यदि योग्य शिक्षक चाहिए तो प्रति छात्र एक हजार रुपये देना होगा। विद्यालय के शारीरिक शिक्षक सत्येंद्र सिंह द्वारा तरह तरह के बहाने बना कर मारा पीटा जाता है। शुक्रवार को भी हमलोग पठन पाठन संबंधी शिकायत प्रधानाध्यापक से करने जा रहे थे तो विद्यालय के शारीरिक शिक्षक द्वारा छात्र और छात्राओं को पीटा गया और विद्यालय से बाहर निकाल दिया गया। छात्रों ने बताया कि हमलोग विद्यालय से निकल कर घर जा रहे थे तो रास्ते में पंचायत के निवर्तमान मुखिया रंजित सिंह उर्फ पिटू सिंह मिल गए और उन्होंने कारण पूछा तो हमलोगों ने सारी वस्तु स्थिति से उन्हें अवगत कराया। वे हम सभी छात्रों को लेकर विद्यालय में पहुंचे तो प्रधानाध्यापक और उक्त शारीरिक शिक्षक उनसे भी उलझ गए और प्रधानाध्यापक द्वारा कहा गया कि शारीरिक शिक्षक जो कर रहे है सब सही है। इसके बाद हमलोग बीआरसी भवन पर पदाधिकारियों को स्थिति से अवगत कराने पहुंचे हैं। जब तक ठोस करवाई का आश्वासन नहीं मिलता है तब तक हमलोग घर वापस नहीं जायेंगे ।

वर्जन

छात्रों के आरोप पर गंभीरता पूर्वक विचार किया जाएगा। उनकी जो भी शिकायत हो लिखित रूप में दे दें। जांच में दोषी पाए जाने पर शिक्षक व एचएम के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

-दयाशंकर सिंह, डीपीओ, स्थापना

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