पंचायतों में गोल्डेन कार्ड बनाने की रफ्तार बढ़ी

प्रत्येक परिवार के कार्डधारी लाभार्थियों को पांच लाख रूपए तक का निश्शुल्क इलाज कराने के लिए सितंबर 2018 में बनी प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना के आयुष्मान भारत कार्यक्रम का लाभ देने के लिए पंचायत स्तर पर निश्शुल्क गोल्डेन कार्य बनाने की रफ्तार बढ़ गई है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 05:44 PM (IST) Updated:Tue, 29 Sep 2020 05:13 AM (IST)
पंचायतों में गोल्डेन कार्ड बनाने की रफ्तार बढ़ी
पंचायतों में गोल्डेन कार्ड बनाने की रफ्तार बढ़ी

कैमूर। प्रत्येक परिवार के कार्डधारी लाभार्थियों को पांच लाख रूपए तक का निश्शुल्क इलाज कराने के लिए सितंबर 2018 में बनी प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना के आयुष्मान भारत कार्यक्रम का लाभ देने के लिए पंचायत स्तर पर निश्शुल्क गोल्डेन कार्य बनाने की रफ्तार बढ़ गई है। इस अभियान में कॉमन सर्विस सेंटर को भी सहभागी बनाया गया है। जिसे 25 रूपए शुल्क देना पड़ रहा है। इसके साथ साथ सदर अस्पताल स्थित आयुष्मान परामर्श केंद्र व सभी पीएचसी के माध्यम से भी गोल्डेन कार्ड बनाए जा रहे है।

क्या है लक्ष्य, कितने बने गोल्डेन कार्ड - वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर बनाई गई सूची के अनुसार जिले के एक लाख 22 हजार परिवारों के सात लाख लोगों के गोल्डेन कार्ड बनाने का फिलवक्त लक्ष्य निर्धारित है। बीते वर्ष 2019 के सितंबर महीने में शुरू हुआ गोल्डेन कार्ड बनाने का अभियान बीच में कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते ठप हो गया था। पुन: इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ दिलाने के लिए 21 सितंबर से गोल्डेन कार्ड बनाने का कार्य शुरू हो गया है। विभागीय जानकारी के अनुसार अब तक 79 हजार गोल्डेन कार्ड बनाए गए है। लक्ष्य के पूर्ण होने तक कार्ड बनाने का अभियान जारी रहेगा।

- कार्ड बनवाने के आवश्यक कागजात- जिन लोगों के नाम पूर्व में बनी सूची में दर्ज है उन्हें योजना का लाभ पाने के लिए कार्ड बनावने के लिए प्रधान मंत्री कार्यालय से भेजा गया प्रत्र, या राशन कार्ड व आधार कार्ड की छाया प्रति जमा करनी होगी।

आयुष्मान भारत कार्यक्रम से कितने हुए लाभान्वित- जिले के चयनित लोगो के बने गोल्डेन कार्डधारकों में से अब तक विभिन्न रोगों के 3314 लाभुकों का इलाज किया जा चुका है। इसमें से से 1500 लाभुकों केा सदर अस्पताल में यथा अपिन्डेक्स, हर्निया, हाइड्रोसील व सीजेरियन प्रसव के रोगियों का सफल इलाज किया जा चुका है।

केस स्टडी- प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना में बने गोल्डेन कार्ड के आधार पर अपिन्डेक्स का सदर अस्पताल में सफल ऑपरेशन कराने वाले अखलासपुर गांव निवासी मो. सर्फराज ने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा चलाया गया आयुष्मान भारत कार्यक्रम गरीबों के लिए वरदान है। कार्ड के आधार पर पैसा न होने के बावजूद इलाज हुआ है।

क्या कहते है अधिकारी- प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मनीष देव ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते योजना का लाभ पहुंचाने के लिए बनाए जाने वाले गोल्डेन कार्ड के निर्माण का कार्य ठप हो गया था। अब पुन: कार्ड बनाने का अभियान शुरू कर दिया गया है। शीघ्र लक्ष्य को पूर्ण करने का प्रयास है।

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