दुकानों का किराया जमा करने को दुकानदार लगा रहे कार्यालय का चक्कर

कैमूर। जिला परिषद की दुकान मोहनियां अनुमंडल के नर्सरी परिसर में स्थित हैं। इन दुकानों का किराया निर्धारण को लेकर दुकानदारों व प्रशासन के बीच काफी पेंच फंसा हुआ है। दुकानदारों ने अनुमंडल पदाधिकारी मोहनियां के पास वाद दायर किया था। जिसमें सात रुपया प्रति स्क्वायर फीट पर किराया निर्धारण किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 11:27 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 11:27 PM (IST)
दुकानों का किराया जमा करने को दुकानदार लगा रहे कार्यालय का चक्कर
दुकानों का किराया जमा करने को दुकानदार लगा रहे कार्यालय का चक्कर

कैमूर। जिला परिषद की दुकान मोहनियां अनुमंडल के नर्सरी परिसर में स्थित हैं। इन दुकानों का किराया निर्धारण को लेकर दुकानदारों व प्रशासन के बीच काफी पेंच फंसा हुआ है। दुकानदारों ने अनुमंडल पदाधिकारी मोहनियां के पास वाद दायर किया था। जिसमें सात रुपया प्रति स्क्वायर फीट पर किराया निर्धारण किया गया। इसके बावजूद भी दुकानदारों से जिला परिषद किराया नहीं ले रहा। दुकानदार किराया जमा करने को लेकर समाहरणालय स्थित विकास भवन में जिला परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सह डीडीसी के कार्यालय पहुंचे। इस संबंध में दुकानदार उमाशंकर जायसवाल ने बताया कि जिला परिषद मोहनियां स्थित दुकानों को पूर्व में 56 पैसा प्रति स्क्वायर फीट की दर से किराया निर्धारित किया गया था। उसके बाद दो रुपये फिर चार रुपये और एकाएक दुकानदारों से 15 रुपये प्रति स्क्वायर फीट किराया लिए जाने का फरमान जिला परिषद द्वारा जारी किया गया। जिसके विरोध में आवंटित दुकानों के दुकानदारों ने अनुमंडल पदाधिकारी के समक्ष आवेदन देकर केस किया। अनुमंडल पदाधिकारी ने सात रुपये स्क्वायर फीट की दर से किराया निर्धारित करने का आदेश जारी किया। दुकानदार इस आदेश को मानते हुए किराया जमा करने के लिए अनुमंडल से लेकर जिला स्तरीय पदाधिकारियों के कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन दुकानदारों का किराया यह कहते हुए नहीं लिया जा रहा है कि जिला परिषद अनुमंडल पदाधिकारी के दिए गए निर्णय के विरुद्ध जिलाधिकारी के न्यायालय में अपील करेगा। इस स्थिति में दुकानदार किराया नहीं जमा करने होने से परेशान हैं। जिला मुख्यालय पहुंचने वाले दुकानदारों में मारकंडेय सिंह, बहादुर सिंह, मनोज जायसवाल, डॉ विजय नारायण केशरी, सहित अन्य दुकानदार शामिल थे। बता दें कि जिला परिषद की दुकानों पर किराया के रूप में काफी राशि बाकी है। जिसे जमा करने के लिए जिला परिषद के स्तर नोटिस भी जारी की जा रही है। लेकिन जब किराया जमा करने दुकानदार पहुंच रहे हैं तो उनका किराया नहीं जमा किया जा रहा है।

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