जिले के लोगों को मशरूम की खेती के सिखाए जाएंगे वैज्ञानिक गुर

कैमूर। जिले के लोगों को परंपरागत खेती अलावा मशरूम की वैज्ञानिक विधि से खेती करने के गुर

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Apr 2021 11:22 PM (IST) Updated:Tue, 27 Apr 2021 11:22 PM (IST)
जिले के लोगों को मशरूम की खेती के सिखाए जाएंगे वैज्ञानिक गुर
जिले के लोगों को मशरूम की खेती के सिखाए जाएंगे वैज्ञानिक गुर

कैमूर। जिले के लोगों को परंपरागत खेती अलावा मशरूम की वैज्ञानिक विधि से खेती करने के गुर सिखाए जाने की कवायद शीघ्र ही शुरू होगी। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला प्रौद्योगिकी विकास अभिकरण आत्मा के परियोजना उप निदेशक नवीन कुमार सिंह ने बताया कैमूर जिले के लोगों को वैज्ञानिक तरीके से मशरूम की खेती करने के लिए जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन कर प्रशिक्षित किए जाने की योजना है। इस प्रशिक्षण कार्यशाला में जिले के सभी प्रखंड क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले तीन से चार लोगों का चयन कर उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण कार्यशाला में शामिल होने वाले लोगों में महिलाओं के चयन को लेकर विशेष प्राथमिकता दी जाएंगी।

परियोजना उपनिदेशक ने बताया इन दिनों देश कोरोना की वैश्विक महामारी के संकट से जूझ रहा है। संकट के समाप्त होने के बाद जिला वासियों को प्रशिक्षण कार्यशाला के माध्यम से वैज्ञानिक गुर सिखाए जाएंगे। उन्होंने मशरूम की खेती के संबंध में पूछे जाने पर कहा बढ़ती जनसंख्या, भूमि विभाजन, कुपोषण, जल की कमी, बेरोजगारी, जलवायू परिवर्तन आज की प्रमुख समस्या है। इनके समाधान के विभिन्न उपायों में मशरूम की खेती की विकल्प के रूप में आवश्यक है। मशरूम पौष्टिक एवं औषधीय गुणों से भरपूर जलवायू परिवर्तन के साथ सामंजस्य, अत्यंत कम भूमि में उत्पादन किया जा सकता है। कम अवधि की फसल होने के कारण साल में कई बार इस फसल को आसानी से उगाई जा सकती है। उन्होंने कहा मशरूम प्रोटीन का दाल, दूध और मांस से सस्ता विकल्प है। उन्होंने कहा मशरूम में पौष्टिक तत्वों के अलावा औषधि गुण भी समाहित हैं। - प्रशिक्षण के बाद मिलेंगे निशुल्क किट -

प्रशिक्षण कार्यशाला में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को प्रशिक्षण कार्यशाला संपन्न होने के बाद विभाग द्वारा उन्हें निर्धारित संख्या में निशुल्क कीट उपलब्ध कराए जाएंगे। ताकि लोग अपने घरों में मशरूम उत्पादन कर सकेंगे।

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