एक एंबुलेंस के सहारे चल रहा भगवानपुर का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र

भगवानपुर प्रखंड में स्थित बाबू शिव गोविद प्रसाद मेमोरियल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एक एंबुलेंस के सहारे चल रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 04:49 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 05:38 PM (IST)
एक एंबुलेंस के सहारे चल रहा  भगवानपुर का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
एक एंबुलेंस के सहारे चल रहा भगवानपुर का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र

कैमूर। भगवानपुर प्रखंड में स्थित बाबू शिव गोविद प्रसाद मेमोरियल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एक एंबुलेंस के सहारे चल रहा है। कोरोना महामारी में इन दिनों मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है। भगवानपुर प्रखंड के नौ पंचायत में 105 गांव हैं और यहां की आबादी एक लाख से अधिक है। लेकिन इस आबादी के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मात्र एक एंबुलेंस है और एंबुलेंस रोगी कल्याण समिति का स्वास्थ्य केंद्र को मिला है। लेकिन उसको चलाने वाला कोई चालक नहीं है। इसके चलते एंबुलेंस अस्पताल में शोभा की वस्तु बनकर खड़ी है।

बता दें कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जो एक एंबुलेंस है वह हमेशा प्रसव पीड़ित महिला को पहुंचाने और लाने में ही व्यस्त रहती है। जब अचानक कोई दुर्घटना होती है और अस्पताल में मरीज आते हैं तो उन्हें पहुंचाने के लिए निजी वाहन का सहारा लेना पड़ता है। दुर्घटना के समय एंबुलेंस के अस्पताल पर नहीं होने के चलते घायलों को निजी वाहन से सदर अस्पताल पहुंचाना परिजनों की मजबूरी हो जाती है। सरकार के द्वारा स्वास्थ्य सेवा को मजबूत करने के लिए नित नए प्रयास किए जा रहे हैं। मंत्री, विधायक या जिला प्रशासन के पदाधिकारी प्रतिदिन यह बात कहते हैं कि स्वास्थ्य सुविधाओं में कोई कमी नहीं होगी। लेकिन भगवानपुर प्रखंड में इन दिनों सबसे अधिक जरूरी एंबुलेंस की सुविधा ही बदहाल है। इससे स्थानीय लोगों को कितनी फजीहत हो रही होगी इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। जबकि भगवानपुर प्रखंड में कोरोना मरीजों की संख्या भी कम नहीं है। इस प्रखंड में आधा दर्जन लोगों की मौत सिर्फ सांस फूलने से हो चुकी है। इसके बाद भी यहां एंबुलेंस की सुविधा दुरुस्त नहीं की गई। इस संबंध में प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक विशाल कुमार ने बताया कि रोगी कल्याण समिति से जो एंबुलेंस मिली है वह चालू हालत में है। लेकिन उसका कोई स्थाई चालक नहीं है। चालक नहीं होने के चलते उसे समय पर भेजना कठिन होता है। हम लोग अस्थाई चालक रख कर आवश्यकता पड़ने पर भेजते हैं।

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