एक छोटे दमकल पर 126 गांवों में अगलगी की घटनाओं से निपटने की जिम्मेदारी
कैमूर। रामगढ़ प्रखंड के 126 गांव में आग बुझाने वाला दमकल खुद ही हांफ रहा है। गर्मी के इस मौसम में पछुआ हवा के तेज झोंकों से फायर ब्रिगेड के कर्मियों के पसीने छूट जा रहे हैं। लेकिन खेत खलिहान में आग नहीं बुझ पा रही है। तीन दिनों से रामगढ़ क्षेत्र में लगातार अगलगी की घटनाओं से कई झोपड़ी जलकर राख हो गई तो कितने किसानों के खेत खलिहान में फसल जल कर स्वाहा हो गई। जिसके चलते उनके अरमान चकनाचूर हो गए।
कैमूर। रामगढ़ प्रखंड के 126 गांव में आग बुझाने वाला दमकल खुद ही हांफ रहा है। गर्मी के इस मौसम में पछुआ हवा के तेज झोंकों से फायर ब्रिगेड के कर्मियों के पसीने छूट जा रहे हैं। लेकिन खेत खलिहान में आग नहीं बुझ पा रही है। तीन दिनों से रामगढ़ क्षेत्र में लगातार अगलगी की घटनाओं से कई झोपड़ी जलकर राख हो गई तो कितने किसानों के खेत खलिहान में फसल जल कर स्वाहा हो गई। जिसके चलते उनके अरमान चकनाचूर हो गए। तकरीबन चार सौ बीघा से अधिक खेतों में लगी गेहूं की फसल जलकर राख हो गई। लेकिन इस दमकल से आग पर कहीं भी काबू नहीं पाया गया। अगलगी की लगातार घट रही घटनाओं के बाद भी फायर ब्रिगेड के कर्मियों में शिथिलता देखी जा रही है। जबकि कहीं भी आग बिजली के न तो शार्ट सर्किट से लगी और न ही किसी ज्वलनशील पदार्थ से। भूसा बनाने के दौरान यह अगलगी की घटनाएं रैपिग मशीन से हो जा रही है। फिर भी अग्निशमन दल इस दिशा में पूरी तरह से कार्रवाई करने में विफल साबित हो रहा है। बुधवार को रामगढ़ क्षेत्र के डहरक खोरहरा व सियरुआं में अगलगी की घटना के दौरान लोग फायर ब्रिगेड को फोन करते रह गए। लेकिन दुर्गावती सीमा क्षेत्र में जाने से उसे यहां पहुंचने तक आग ने पुरा खेत खलिहान को राख में मिला दिया।
500 लीटर गैलेन छमता की है रामगढ़ में फायर ब्रिगेड
रामगढ़ के लोगों को आग व ज्वलनशील पदार्थों से होने वाली क्षति को रोकने के लिए मिला दमकल खुद ही हांफ रहा है। न तो पानी भरने का इंतजाम और न ही सुव्यवस्थित रखने का इंतजाम फायर ब्रिगेड के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। किसानों ने बताया कि मात्र आधे घंटे के संचालन में ही इस फायर ब्रिगेड से पानी खत्म हो जाता है। फिर भी स्थाई फायर बिग्रेड का डिपो रामगढ़ में स्थापित नहीं हो सका।
डीजी आर के मिश्रा की पहल पर रामगढ़ को स्थाई दमकल देने की हुई थी घोषणा:
बीते वर्ष 2019 में रामगढ़ क्षेत्र के लोगों को अग्निशमन वाहन देने की घोषणा हुई। तब तत्कालीन होमगार्ड के डीजी आर के मिश्रा ने लोगों की सुविधा के मद्देनजर यह व्यवस्था उपलब्ध कराने की बात कही थी। उनके निर्देश के बाद रोहतास व कैमूर की कमांडेंट रश्मि कुमारी द्वारा रामगढ़ में इस छोटे दमकल को प्रयोग के तौर पर दिया गया था। तब उन्होंने रामगढ़ के सभागार भवन में लोगों से स्थाई दमकल केंद्र की स्थापना रामगढ़ में होने की बात कही थी। दमकल विभाग के कर्मियों को इस अवधि में न तो माकड्रिल की तैयारी की जानकारी दी गई और न ही आग पर काबू पाने के लिए कोई टिप्स उनके द्वारा दिया गया। यहां तक की इतने अवधि के बीच उनका आगमन भी यहां नहीं हो सका। जिस कारण रामगढ़ थाने में तीन कर्मियों की बदौलत इस छोटे से अग्निशमन वाहन का संचालन हो रहा है।