जेई प्रभावित बच्चों के इलाज की सदर अस्पताल में समुचित व्यवस्था

भभुआ जिले के भागवानपुर प्रखंड के बेल्डी गांव निवासी लक्ष्मण शर्मा के आठ वर्षीय पुत्र अभिषेक की पटना भेजी गई जांच में जापानी ईसेंफलाइटिस या चमकी रोग के लक्षण पाए जाने पर स्वास्थ्य विभाग चौकन्ना हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 09:55 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 09:55 PM (IST)
जेई प्रभावित बच्चों के इलाज की सदर अस्पताल में समुचित व्यवस्था
जेई प्रभावित बच्चों के इलाज की सदर अस्पताल में समुचित व्यवस्था

भभुआ : जिले के भागवानपुर प्रखंड के बेल्डी गांव निवासी लक्ष्मण शर्मा के आठ वर्षीय पुत्र अभिषेक की पटना भेजी गई जांच में जापानी ईसेंफलाइटिस या चमकी रोग के लक्षण पाए जाने पर स्वास्थ्य विभाग चौकन्ना हो गया है। विभाग की टीम ने बेल्डी गांव पहुंचकर सभी बच्चों को टीका लगाने का कार्य शुरू कर दिया है। सिविल सर्जन डॉ मीना कुमारी ने बताया कि सदर अस्पताल में बच्चों के इलाज की समुचित व्यवस्था है। इसके लिए सदर अस्पताल में सात बेड का स्पेशल वार्ड बनाया गया है। जहां आवश्यकतानुसार अज्ञात वायरस या जेई से प्रभावित बच्चों के इलाज की आक्सीजन सहित सभी सुविधाए उपलब्ध है। एसएनसीयू व सदर अस्पताल के बच्चों के चिकित्सकों को बच्चों को वार्ड में भर्ती कर उनका इलाज करने के साथ उनकी निगरानी भी करते रहने तथा इसकी रिपोर्ट डीएस व सीएस को उपलब्ध कराते रहने का भी निर्देश दिया गया है। अभिषेक सहित चार बच्चों का ब्लड कंफर्मेंट्री जांच के लिए पटना भेजने के लिए उन्हें बुलाया गया है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ आर.के. चौधरी ने बताया कि जिले में एक भी बच्चें के जेई से प्रभावित होने से पूर्व ही सरकार के निर्देश पर जेई से बचाव के लिए बीते 23 अगस्त को टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया गया है। अब तक एक लाख 62 हजार 666 बच्चों को टीका लगाया जा चुका है। तीन माह के अंदर कुल छह लाख 77 हजार 161 बच्चों को टीका लगाने का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाओं व सरकारी व निजी स्कूल के प्रधानाध्यापकों से अपील किया कि वे स्वयं रूचि लेकर एक वर्ष से 15 वर्ष आयु के बच्चों का टीकाकरण कराएं। डीआईओ ने कहा कि सर्दी जुखाम के साथ तेज बुखार होने, अर्ध बेहोश की स्थित पैदा होने व बुखार से बच्चों के तड़फड़ाने की स्थित आते ही तत्काल उसे इलाज के लिए निकटवर्ती अस्पताल में पहुंचाएं। जिससे उसका समुचित जांच व इलाज हो सके।

chat bot
आपका साथी