जिले मे धीरे-धीरे गति पकड़ रही धान खरीदारी की प्रक्रिया

भभुआ कैमूर जिले में अब धान खरीदारी की प्रक्रिया धीरे-धीरे गति पकड़ रही है। निर्धारित तिथि 23 नवंबर की बजाए भले एक सप्ताह बाद धान की खरीदारी शुरू हुई लेकिन धान खरीदारी शुरू होने से वैसे किसान जिन्होंने आनलाइन आवेदन किया है उनमें खुशी देखी जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 03 Dec 2020 10:30 PM (IST) Updated:Thu, 03 Dec 2020 10:30 PM (IST)
जिले मे धीरे-धीरे गति पकड़ रही धान खरीदारी की प्रक्रिया
जिले मे धीरे-धीरे गति पकड़ रही धान खरीदारी की प्रक्रिया

भभुआ: कैमूर जिले में अब धान खरीदारी की प्रक्रिया धीरे-धीरे गति पकड़ रही है। निर्धारित तिथि 23 नवंबर की बजाए भले एक सप्ताह बाद धान की खरीदारी शुरू हुई, लेकिन धान खरीदारी शुरू होने से वैसे किसान जिन्होंने आनलाइन आवेदन किया है उनमें खुशी देखी जा रही है। लेकिन किसानों में इस बात की चिता है कि जिले में धान की खरीदारी तेज गति से नहीं हो रही है। क्योंकि कैमूर जिले में अब तक मात्र दो पैक्स व एक व्यापार मंडल के माध्यम से ही धान की खरीदारी की जा रही है। इनके माध्यम से बीते बुधवार तक 15 सौ क्विटल धान की खरीदारी कर ली गई है। मिली जानकारी के अनुसार पैक्सों व व्यापार मंडल के माध्यम से एक किसान से दो सौ क्विटल धान की खरीदारी करनी है। इसमें 17 प्रतिशत नमी वाले धान ही खरीदा जाएगा। लेकिन अभी किसानों के धान में नमी अधिक है। जानकारी के अनुसार धान में 20 प्रतिशत नमी देखी जा रही है। लेकिन सबसे खास बात है कि धान को सूखाने के लिए ड्रायर मशीन नहीं है। जिले के मात्र दो पैक्स जगरियां और दुमदुम पैक्स में यह मशीन उपलब्ध है। इसके अलावा अन्य कहीं भी मशीन नहीं है। ऐसे में यदि इन पैक्सों में 17 प्रतिशत से अधिक नमी वाले धान आ रहे हैं तो या तो उन्हें लौटा दिया जा रहा है या फिर बोरा में उसी तरह खुले मैदान में रख दिया जा रहा है। ऐसे में किसानों का धान पैक्सों व व्यापार मंडल में भी बिकने में काफी विलंब हो रहा है। जानकारी के अनुसार गुरुवार की दोपहर बाद तक किसानों को कैश क्रेडिट भी नहीं हो पाया था। लेकिन पैक्स अध्यक्षों ने बताया कि एक-दो दिन में कैश क्रेडिट हो जाएगा। बता दें कि अब तक धान खरीदारी के लिए लगभग आठ हजार किसानों ने आनलाइन आवेदन दिया है। उधर बाजर में किसानों का धान औने-पौने दाम में बिक रहा है। बाजार में धान का भाव 11-12 सौ रुपये दिया जा रहा है। जबकि सरकारी स्तर पर हो रही खरीदारी में धान का मूल्य 1868 रुपये प्रति क्विटल निर्धारित किया गया है।

कोआपरेटिव बैंक में खाता होना जरूरी नहीं- डीसीओ

धान बिक्री के लिए कई किसान आनलाइन आवेदन करना चाह रहे हैं। लेकिन कुछ पैक्स अध्यक्षों द्वारा किसानों को कोआपरेटिव बैंक में खाता खोलवाने की अनिवार्यता बता भड़काया जा रहा है। इससे किसान परेशान हैं। कुछ किसानों द्वारा इस बात की चर्चा बाजार में की गई। इस पर जब डीसीओ रामाश्रय राम से पूछा गया तो उन्होंने इस बात से साफ इनकार कर दिया। कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। किसी बैंक में खाता रहेगा तो किसान धान बेच सकता है। बैंक खाता रहने पर ही आनलाइन आवेदन होगा। यदि कोई पैक्स ऐसा कह रहा है तो वह गलत है। इसकी शिकायत मिली तो पैक्स अध्यक्ष के विरुद्ध कार्रवाई होगी।

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