भूमि संरक्षण विभाग के बनाए गए छलका से धान की फसल डूबी

चांद। लगातार बारिश से चांद प्रखंड के किसान भंयकर बाढ़ के संकट से जूझ रहें हैं। भूमि संरक्षण विभाग के द्वारा धोबहा गांव के सामने गंदा नाला में बनाए गए छलका से काफी भूमि में लगी धान की फसल डूबी हुई है। किसानों की मांग पर बीडीओ शशिभूषण साहू ने प्रखंड कृषि पदाधिकारी से बाढ़ से नुकसान हुई फसल का आकलन करने का निर्देश दिया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 11:38 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 11:38 PM (IST)
भूमि संरक्षण विभाग के बनाए गए छलका से धान की फसल डूबी
भूमि संरक्षण विभाग के बनाए गए छलका से धान की फसल डूबी

चांद। लगातार बारिश से चांद प्रखंड के किसान भंयकर बाढ़ के संकट से जूझ रहें हैं। भूमि संरक्षण विभाग के द्वारा धोबहा गांव के सामने गंदा नाला में बनाए गए छलका से काफी भूमि में लगी धान की फसल डूबी हुई है। किसानों की मांग पर बीडीओ शशिभूषण साहू ने प्रखंड कृषि पदाधिकारी से बाढ़ से नुकसान हुई फसल का आकलन करने का निर्देश दिया। गर्मी के महीने में धोबहा गांव के सामने गंदा नाला में छलका बनाए जाने का किसानों ने विरोध किया था। किसानों के विरोध को दरकिनार कर गंदा नाला में छलका का निर्माण किया गया। गंदा नाला में छलका बनाए जाने से पानी का बहाव कम हो गया। पानी का बहाव बाधित होने से पाढी ऐकौनी धोबहा चांद बक्छरा बहदुरा आदि गांव में जलजमाव से सैकड़ों एकड़ धान की फसल नुकसान होने के कगार पर है। दर्जनों गांव का पानी निकासी गंदा नाला से होती है। गंदा नाला में छलका बनाए जाने का कोई प्रावधान नहीं होने के बावजूद छलका बनाया गया। इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा कि छलका निर्माण के औचित्य की जांच करा आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। निकास बंद होने से पानी से घिरे तीन गांव, ग्रामीण परेशान

भभुआ: सदर प्रखंड के कुड़ासन के पास तीन गांव चारों तरफ से पानी से घिर गए हैं। तीनों गांव के कई घरों में पानी भी प्रवेश कर गया है। इससे ग्रामीण काफी परेशान हैं। ग्रामीणों ने इस मामले में पदाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए शीघ्र पानी निकासी कराने की मांग की है। ग्रामीणों ने बताया कि केवां नहर के पश्चिमी ओर निकासी की व्यवस्था थी। लेकिन कुछ ग्रामीणों द्वारा उसे बंद कर दिया गया है। बीते दिनों हुई बारिश के बाद केवां नहर में पानी काफी अधिक आ गया। इसके चलते निकासी से पानी नहीं निकला और देवरीज कला, मानिकपुर, गोपालपुर तीनों गांव चारों ओर से पानी से घिर गए हैं। इसके चलते ग्रामीणों को काफी परेशान हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कई लोगों के घरों में भी पानी प्रवेश कर गया है। इससे लोग दूसरे के घर में शरण लिए हुए हैं। यदि निकासी की व्यवस्था नहीं की गई तो अधिक दिन तक पानी रहने से तरह-तरह की जलजनित बीमारियों के फैलने की आशंका है। वहीं बरसात के मौसम में निकलने वाले विषैले जीव जंतुओं का भी खतरा है। वहीं गांव के आसपास खेतों में लगी धान की फसल भी पानी में पूरी तरह डूब गई है। इससे धान की फसल भी नष्ट हो सकती है।

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