25 मई के बाद भभुआ से पटना के लिए कोई ट्रेन नहीं
यात्रियों की संख्या में निरंतर कमी आने तथा कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए वर्तमान में भभुआ पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस को अगले आदेश तक के लिए रोक दिया गया है।
कैमूर। यात्रियों की संख्या में निरंतर कमी आने तथा कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए वर्तमान में भभुआ पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस को अगले आदेश तक के लिए रोक दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक सुबह 11 बजे के करीब भभुआ से चलकर सासाराम के रास्ते होते हुए आरा से गुजर कर पटना को जाने वाली तथा पटना से सुबह पांच बजे से खुलकर आरा, सासाराम के रास्ते भभुआ रोड को आने वाली पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस को 25 मई से अगले आदेश तक रद करने की फैसला किया गया है।
सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि यात्रियों की कमी तथा कोरोना के संक्रमण में उस ट्रेन पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। यह ट्रेन 25 मई से बंद हो जाएगी। बता दें कि भभुआ रोड से पटना जाने के लिए दो जोड़ी इंटरसिटी एक्सप्रेस खुलती थी। जिसमें से सुबह करीब चार बजे खुलने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस को बीते 29 अप्रैल से बंद कर दिया गया है। उसके बाद करीब एक माह के आसपास दूसरे जोड़ी के इंटरसिटी एक्सप्रेस को भी बंद करने का निर्णय लिया गया है। अब रेलमार्ग से पटना जाने के लिए कोई भी ट्रेन जिलेवासियों के लिए नहीं है। इन दोनों ट्रेन के अलावा बुद्ध पूर्णिमा एक ट्रेन थी। जो पिछले करीब एक साल से अधिक समय से बंद है। ऐसे में अब कोई भी ट्रेन भभुआ रोड से पटना को जोड़ने के लिए नहीं है। - लोगों को होगी परेशानी -
जिले के भभुआ रोड स्टेशन से खुलने वाली दोनों इंटरसिटी एक्सप्रेस से लोगों को काफी लाभ था। जिनको दस बजे तक पटना पहुंचना होता था वो सुबह चार बजे इंटरसिटी एक्सप्रेस को पकड़ते थे। जो भभुआ, सासाराम, औरगांबाद, गया के साथ जहानाबाद होते हुए पटना जाती थी। जबकि दूसरी ट्रेन 11 बजे भभुआ से खुलकर सासाराम आरा लाइन होते हुए पटना जाती थी। वापसी में एक ट्रेन संध्या पांच बजे के आसपास जहानाबाद, गया, औरगांबाद, सासाराम से होते हुए 11 बजे के आसपास भभुआ रोड़ स्टेशन पहुंचती थी। जबकि दूसरी ट्रेन पटना से अगले दिन सुबह पांच बजे खुलकर आरा, सासाराम होते हुए आती थी। ऐसे में कैमूर जिले के साथ साथ रोहतास के लोगों को भी इससे परेशानी होगी। रेलमार्ग से कैमूर से पटना जाने के लिए कोई साधन नहीं है। - बस वालों की कटेगी चांदी-
ट्रेनों के बंद होने के बाद अब बस वालों की खुब चांदी कटेगी। दरअसल ट्रेन के चलने से अधिक यात्री ट्रेन से चले जाते थे। तो ऐसे में बस वाले एक लीमिट में किराया लेते थे। और बस के क्षमता इतना ही सवारी बैठाते थे। लेकिन अब ट्रेन के बंद होने से बसों पर बोझ बढ़ेगा, तो बस वाले किराया बढ़ाएंगे और क्षमता से अधिक सवारी बैठाएंगे। ऐसे में सवारियों में कोरोना के संक्रमण होने का भी खतरा बना रहेगा।